Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे फेज में 93 सीट के लिए सोमवार को औसतन 60.94 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. इससे पहले, इन निर्वाचन क्षेत्रों में 2017 के चुनाव में करीब 70 प्रतिशत मतदान हुआ था. दूसरे चरण के मतदान के दौरान बीमारों, दिव्यांगों और विदेश में रह रहे भारतीयों में वोट डालने को लेकर जबरदस्त जोश दिखा.
मतदान के लिए अस्पताल से पोलिंग बूथ तक पहुंचे मरीज
दूसरे चरण में मतदान के लिए बिस्तर पर पड़े लोग, ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीज और सर्जरी कराने वाले मरीज भी उत्साही दिखे. गंभीर स्थिति में भी ये लोकतंत्र में मतदान करने के अपने कर्तव्य को नहीं भूले. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रमेश शाह को अभी कुछ दिन पहले ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और उनकी सर्जरी हुई थी. बावजूद इसके उनको एंबुलेंस में मतदान केंद्र तक लाया गया था. अहमदाबाद शहर के नारनपुरा इलाके में एक 60 वर्षीय व्यक्ति, जिनकी बाइपास सर्जरी हुई थी और वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे, अपने चेहरे पर नेजल कैन्युला बांधे मतदान केंद्र पर पहुंचे थे. अहमदाबाद के गोमतीपुर इलाके में पिछले चार साल से फाइब्रोसिस और ऑक्सीजन सपोर्ट पर पीड़ित 56 वर्षीय एक महिला भी मतदान केंद्र पर पहुंची थी.
नेत्रहीन लड़कियों को मतदान केंद्र पर हुई परेशानी
मेमनगर के अंध कन्या प्रकाश गृह में 17 लड़कियों को यह जानकर निराशा हुई कि वे मतदान नहीं कर पाएंगी. छात्रावास-सह-स्कूल के अधिकारियों ने टीओआई को बताया कि उन्होंने मतदान के लिए योग्य 17 लड़कियों के दस्तावेजों की फोटोकॉपी के साथ सबसे पहले बूथ पर संपर्क किया था. जब बूथ पर मौजूद अधिकारियों ने उन्हें मूल प्रति के साथ लौटने के लिए कहा, तो वे आवश्यक दस्तावेज लेकर आए. एक अधिकारी ने कहा, हमें तब बताया गया था कि प्रत्येक लड़की के साथ एक व्यक्ति को अनुमति दी जाएगी, लेकिन प्रत्येक मतदाता के लिए एक अलग व्यक्ति होना चाहिए. हमने पिछले चुनाव तक इस तरह के नियम के बारे में नहीं सुना था और हमारे लिए अंतिम समय पर व्यवस्था करना मुश्किल था. अधिकारी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया जाएगा कि लड़कियां अगले चुनाव में अपने अधिकार का प्रयोग कर सकें.
मतदान करने के लिए अमेरिका से गुजरात पहुंचे वाघेला
वहीं, वोट डालने के लिए शीलेंद्रसिंह वाघेला ह्यूस्टन से जल्दी पहुंचे थे. 65 वर्षीय ज्योतिषी, जिनके पास ग्रीन कार्ड है, सोमवार सुबह नवरंगपुरा के माउंट कार्मेल स्कूल में वोट डालने वाले दूसरे व्यक्ति थे. ट्रिगर फिंगर का ऑपरेशन उनके उत्साह को कम नहीं कर सका. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे अमेरिका में बसे हुए हैं. लेकिन, मैंने कभी भी किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं छोड़ा. आखिरकार, आप अपने मुद्दों को उठाने के लिए अपने प्रतिनिधि चुन रहे हैं.
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