Pension Dispute: केंद्र सरकार सेवानिवृत्त कर्मियों के पेंशन से जुड़ी समस्या का तत्काल समाधान करने का प्रयास कर रही है. देश में मौजूदा समय में 60 लाख पेंशन पाने वाले कर्मचारी है. सेवानिवृति के बाद पेंशन से जुड़े अदालती मामलों के त्वरित निपटान के लिए पहली बार नेशनल वर्कशॉप ऑन पेंशन लिटिगेशन का आयोजन किया गया.
इस कार्यक्रम का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड शनर्स वेलफेयर ने किया. मौजूदा समय में 300 पेंशन से जुड़े मामले विभिन्न फोरम में लंबित है, जिसमें से 70 फीसदी मामले सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल(कैट) के समक्ष लंबित है. फैमिली पेंशन और पेंशन से जुड़ी अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार एक महीने का राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का फैसला किया है. इसका मकसद पेंशन से जुड़े मामलों का समाधान करना है ताकि सेवानिवृत कर्मचारियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
कार्यक्रम को संबोधित हुए केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मामले के मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कानूनी पचड़े के कारण सेवानिवृत्त बुजुर्ग कर्मचारियों की ऊर्जा बर्बाद नहीं होनी चाहिए. कर्मचारी भले ही सरकारी सेवा से सेवानिवृत हो गए है, लेकिन वे देश सेवा से सेवानिवृत नहीं हुए है. वरिष्ठ अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों और पेंशन से जुड़े अधिकारियों के समक्ष केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पेंशनर्स के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. कानूनी उलझन के कारण सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ता है. पेंशन प्रशासकों को पेंशन से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए संस्थागत सुधार को तत्काल लागू करना होगा.
कानून की गलत व्याख्या से भी बढ़ता है विवाद
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेंशन संबंधी कानूनी विवाद की मुख्य वजह नियमों की गलत समझ भी है. विवाद के कारण बुजुर्ग कर्मियों को बेवजह परेशानी का सामना करना पड़ता है. विवाद हल करने का आखिरी विकल्प कानूनी लड़ाई लड़ना होता है. कार्यक्रम के दौरान विवाद को कम करने के लिए पेंशन से जुड़े अधिकारियों के लिए कानूनी ट्रेनिंग देने, तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग पर जोर दिया गया.
वर्कशॉप को संबोधित करते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि कानूनी प्रबंधन के लिए संस्थागत तरीका अपनाया जाना चाहिए. पेंशन से जुड़े विवाद को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. हमारा लक्ष्य वर्ष 2028 से पेंशन से जुड़े विवाद को जीरो करने का होना चाहिए. इसके लिए तय समय में शिकायत का निवारण, प्रशासनिक सुधार और अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए.
पेंशन के जुड़े सबसे अधिक मामले सैन्य कर्मियों से जुड़े होते हैं. मामले के समाधान के लिए नोडल अधिकारी, कानून अधिकारी और सैन्य कर्मियों के ऑफिस के बीच बेहतर समन्वय के लिए डिजिटल टूल का प्रयोग होना चाहिए. ताकि तय समय में विवाद का समाधान हो सके. सेवानिवृत कर्मियों के बारे में अधिकारियों को सोच बदलने की भी जरूरत है.
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