PM Modi In Gujarat: गुजरात के गांधीनगर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) और NSE IFSC-SGX कनेक्ट को लॉन्च किया. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा आधुनिक होती नई संस्थान और नई व्यवस्थाएं भारत का गौरव बढ़ा रही हैं. आज GIFT CITY में IFSCA बिल्डिंग का शिलान्यास किया गया है. मुझे विश्वास है कि यह भवन अपने आर्किटेक्चर में जितना भव्य होगा, उतना ही भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के असीमित अवसर भी खड़े करेगा.
व्यापार और तकनीक के केंद्र के रूप में अपनी मजबूत पहचान बना रहा GIFT सिटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अब यूएसए, यूके और सिंगापुर जैसे दुनिया के उन देशों की कतार में खड़ा हो रहा है, जहां से ग्लोबल फाइनेंस को दिशा दी जाती है. मैं इस अवसर पर आप सभी और देशवासियों को अनेक-अनेक बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि GIFT सिटी व्यापार और तकनीक के केंद्र के रूप में अपनी मजबूत पहचान बना रहा है. मुझे ये देखकर भी अच्छा लगता है कि GIFT सिटी के जरिए भारत, विश्व स्तर पर सर्विस सेक्टर में मजबूत दावेदारी के साथ आगे बढ़ रहा है.
रियल टाइम डिजिटल पेमेंट में पूरी दुनिया में 40 फीसदी हिस्सेदारी अकेले भारत की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2008 में विश्व आर्थिक संकट और मंदी का दौर था. भारत में नीति पक्षाघात का माहौल था. उस समय गुजरात फिनटेक के क्षेत्र में नए और बड़े कदम बढ़ा रहा था. मुझे खुशी है कि वो विचार आज इतना आगे बढ़ चुका है. पीएम मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी में फाइनेंस और टेक्नोलॉजी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और बात जब टेक्नोलॉजी, साइंस और सॉफ्टवेयर की हो, तो भारत के पास edge भी है और एक्सपीरियंस भी है. उन्होंने कहा कि आज रियल टाइम डिजिटल पेमेंट (Real Time Digital Payments) में पूरी दुनिया में 40 फीसदी हिस्सेदारी अकेले भारत की है.
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम ने कही ये बात
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में रिकॉर्ड एफडीआई (FDI) आ रहा है. ये इन्वेस्टमेंट देश में नए अवसर पैदा कर रहा है. युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा कर रहा है. ये हमारी इंडस्ट्री को ऊर्जा दे रहा है, हमारी प्रोडक्टिविटी को बढ़ा रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्थाओं में से एक है. इसलिए भविष्य में जब हमारी अर्थव्यवस्था आज से भी कहीं ज्यादा बड़ी होगी, हमें उसके लिए अभी से तैयार होना होगा. हमें इसके लिए ऐसे institutions चाहिए, जो ग्लोब्ल इकोनॉमी में हमारे आज के और भविष्य के रोल को आगे कर सके.
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