Watch Video: लंबाई 2.08 KM…550 करोड़ की लागत, 20 मिनट में मंडपम से रामेश्वरम, जानें नये पंबन पुल की खासियत

New Pamban Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी के अवसर पर नये पंबन समुद्री पुल का उद्घाटन किया. इसके अलावा पीएम मोदी ने नयी रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाई. उन्होंने एक तटरक्षक पोत को भी हरी झंडी दिखाई जो पुल के नीचे से गुजरा. न्यू पंबन ब्रिज की क्या खास बातें हैं आपको यहां बताएंगे.

By ArbindKumar Mishra | April 6, 2025 9:44 PM

New Pamban Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामनवमी के अवसर पर तमिलनाडु के रामनाथपुरम में भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल, न्यू पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया. पुल से आध्यात्मिक स्थल रामेश्वरम तक पहुंचने में सुविधा होगी, जहां साल भर देश भर से श्रद्धालु आते हैं.

नये पंबन पुल की खासियत

वर्टिकल लिफ्ट मैकेनिज्म: पंबन पुल भारत का पहला ऐसा रेलवे पुल है. इस पुल में 99 ‘स्पैन’ और 72.5 मीटर लंबा ‘वर्टिकल लिफ्ट स्पैन’ है. जिसके मध्य भाग को 17 मीटर तक ऊपर उठाया जा सकता है. इससे बड़े जहाज आसानी से नीचे से गुजर सकते हैं. इसका एक और फायदा होगा कि समुद्री और रेल यातायात दोनों एक साथ निर्बाध रूप से चलते रहेंगे. पुराने पुल की तुलना में यह 5 मिनट में खुलता और 3 मिनट में बंद हो जाता है. वहीं पुराने को खोलने में 35-45 मिनट लगते थे.

लंबाई और संरचना: इसकी कुल लंबाई 2.08 किलोमीटर है. यह पुराने पुल से 3 मीटर ऊंचा है और समुद्र तल से 22 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. पुल में स्टेनलेस स्टील और उच्च श्रेणी के ‘पॉलीसिलोक्सेन’ पेंट का इस्तेमाल किया गया है. यह पुल को जंग से बचाता है और कठोर समुद्री वातावरण में भी पुल को कुछ नुकसान नहीं होगा. इसमें पूरी तरह से वेल्डिंग किए हुए जोड़ हैं, जिससे पुल के रखरखाव की आवश्यकताएं कम होंगी और मजबूती बढ़ेगी. इसकी नींव 333 ‘पाइल’ और 101 ‘पियर/पाइल कैप’ पर टिकी है. इसे दोहरी रेल पटरियों और भविष्य के विस्तार को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. 100 साल तक यह पुल कुछ नहीं होगा.

नये पंबल पुल 550 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है.
नये पुल के बन जाने से मंडपम से रामेश्वरम का सफर 20 मिनट में पूरा हो सकेगा.

इसका निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने किया, जिसमें IIT चेन्नई, IIT बॉम्बे और अंतरराष्ट्रीय कंसल्टेंट TYPSA की तकनीकी विशेषज्ञता शामिल है.

ट्रेन की गति: नये पंबर पुल पर ट्रेनें 80 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं. जबकि पुराने पुल पर ट्रेनें 10 किलो प्रति घंटे की रफ्तार से चलती थीं. नया पुल 160 किमी/घंटा तक की गति को सहन कर सकता है.

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