पीएम मोदी को मिला त्रिनिदाद-टोबैगो का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 140 करोड़ भारतवासियों को किया समर्पित

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को त्रिनिदाद और टोबैगो ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' से सम्मानित किया है. पीएम मोदी इस सम्मान से सम्मानित होने वाले होने वाले पहले विदेशी नेता बन गए हैं. यह किसी देश की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी को दिया जाने वाला 25 वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है.

By Pritish Sahay | July 4, 2025 10:16 PM
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PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को त्रिनिदाद-टोबैगो के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया गया. पांच देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में पीएम मोदी कैरेबियाई द्वीप राष्ट्र की दो दिवसीय यात्रा पर आए है. पीएम मोदी को उनके वैश्विक नेतृत्व, भारतीय प्रवासियों के साथ उनके गहन जुड़ाव और कोविड-19 महामारी के दौरान उनके मानवीय प्रयासों के लिए यह सम्मान दिया गया है. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा “मैं ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित होने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. मैं 140 करोड़ भारतीयों की ओर से इसे स्वीकार करता हूं.”

26 साल बाद किसी भारतीय पीएम ने की त्रिनिदाद एवं टोबैगो की यात्रा

‘द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ पुरस्कार की घोषणा त्रिनिदाद एवं टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने गुरुवार को की थी. उन्होंने पीएम मोदी की यात्रा को साझा गौरव और ऐतिहासिक संबंध का क्षण बताया करार दिया है. साल 1999 के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की त्रिनिदाद एवं टोबैगो की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है. पीएम मोदी घाना से यहां पहुंचे हैं. एक दिन पहले घाना में मोदी को देश के राष्ट्रीय सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया था.

त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद को पीएम मोदी ने किया संबोधित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ‘मैं इस प्रतिष्ठित सदन में आपसे बात करने वाला पहला भारतीय प्रधानमंत्री बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा “इस महान राष्ट्र के लोगों ने दो उल्लेखनीय महिला नेताओं को चुना है- राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री. वे गर्व से खुद को प्रवासी भारतीयों की बेटियां कहती हैं. उन्हें अपनी भारतीय विरासत पर गर्व है. हमारे दोनों राष्ट्र औपनिवेशिक शासन की छाया से ऊपर उठे और साहस को अपनी स्याही और लोकतंत्र को अपनी कलम बनाकर अपनी कहानियां लिखीं.”

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