PM Modi Sri Lanka Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका की तीन दिनों की यात्रा पर हैं. यहां वे श्रीलंका के साथ समग्र द्विपक्षीय संबंधों (विशेषकर ऊर्जा, व्यापार, ‘कनेक्टिविटी’, डिजिटलीकरण और रक्षा के क्षेत्रों में) को और मजबूत करने की संभावना तलाशेंगे. प्रधानमंत्री मोदी का खास स्वागत कोलेबों में किया गया. उनके स्वागत करने के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर नजर आए.
पीएम मोदी का कोलंबो में गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहां उनके होटल के बाहर बड़ी संख्या में लोग उनका स्वागत करने के लिए जमा हुए. यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने रामायण पर एक सांस्कृतिक प्रस्तुति में भाग लिया और प्रमुख सांस्कृतिक कार्यों के शुभारंभ को देखा. इसमें ताल नंदसिरी (भारतीय नैतिक कहानियों पर एक ऑडियोबुक) , गीता गोविंदा का पाली अनुवाद, संत श्रीमंत शंकरदेव और श्री श्री माधवदेव द्वारा भक्ति गीत शामिल हैं.
तबला वादक पेशाला मनोज ने कहा, ”नई ताल, श्रीलंका का पहला ताल, जिसे प्रधानमंत्री को भेंट किया गया. उन्होंने मुझे रियाज़ जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया और बहुत विनम्रता से बात की. उन्होंने मेरे हाथ पकड़ लिये. यह एक कलाकार के लिए बहुत बड़ा सम्मान है.” देखें वीडियो
सात समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ बातचीत करेंगे. बैठक के बाद भारत और श्रीलंका द्वारा लगभग 10 क्षेत्रों को लेकर सहमति व्यक्त किये जाने की उम्मीद है, जिनमें रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटलीकरण के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है. प्रधानमंत्री मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान के घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि रक्षा सहयोग पर समझौता समेत सात समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है, इनके अलावा तीन और समझौते भी हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि यदि रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होते हैं, तो यह भारत-श्रीलंका रक्षा संबंधों में एक बड़ी पहल का संकेत होगा, तथा लगभग 35 वर्ष पहले भारत द्वारा द्वीपीय राष्ट्र से भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) को वापस बुलाए जाने से संबंधित कटु अध्याय को पीछे छोड़ देगा.
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प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यह द्वीपीय देश आर्थिक संकट से उबरने के संकेत दे रहा है. तीन साल पहले श्रीलंका बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा था और भारत ने उसे 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता दी थी.