सऊदी अरब भारत का सबसे अहम साझेदार, बोले पीएम मोदी- हमारे रिश्ते को नयी दिशा और ऊर्जा मिलेगी

सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज ने कहा कि शिखर सम्मेलन में की गई घोषणाओं से दुनिया को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए मिलकर काम करेंगे.

By Amitabh Kumar | September 11, 2023 1:39 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद से कई मुद्दों पर व्यापक बातचीत की. इस बातचीत के दौरान द्विपक्षीय व्यापार और रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत-सऊदी अरब की साझेदारी क्षेत्र तथा विश्व की स्थिरता, कल्याण के लिए अहम है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद की बैठक में कहा कि हम बदलते वक्त के साथ अपने संबंधों में नए आयाम जोड़ रहे हैं. भारत के लिए सऊदी अरब सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों में से एक है. उन्होंने कहा कि हमने अपनी करीबी साझेदारी को अगले स्तर तक ले जाने के लिए कई पहल की पहचान की है. आज की बैठक में हमारे रिश्ते को नयी दिशा और ऊर्जा मिलेगी.

आपको बता दें कि जी20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति के बाद बिन सलमान इस समय भारत की राजकीय यात्रा पर हैं. वार्ता से पहले सऊदी अरब के युवराज का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया. औपचारिक स्वागत के बाद बिन सलमान ने मीडिया से बात की और कहा कि मैं भारत आकर बहुत खुश हूं. मैं जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत को बधाई देना चाहता हूं.

घोषणाओं से दुनिया को होगा फायदा : सऊदी नेता ने कहा कि शिखर सम्मेलन में की गई घोषणाओं से दुनिया को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए मिलकर काम करेंगे. उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब पश्चिम एशिया में भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदारों में से एक है. पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. दोनों पक्ष अपनी सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

एम. एम. नरवणे ने किया था सऊदी अरब का दौरा : गौर हो कि तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने दिसंबर 2020 में सऊदी अरब का दौरा किया था, जो 13 लाख से अधिक सैनिकों की क्षमता वाली मजबूत सेना के प्रमुख द्वारा महत्वपूर्ण खाड़ी देश की पहली यात्रा थी. तब से दोनों पक्षों के उच्च पदस्थ सैन्य अधिकारियों ने एक-दूसरे के देश के कई दौरे किए हैं.

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