नहीं पूरे होंगे सपने- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस ये सपना देखना बंद करे क्योंकि उसे सफल नहीं होने दिया जाएगा. राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि हर देशभक्त भारतीय आखिरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा. कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने संविधान की प्रस्तावना में शामिल ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों की समीक्षा करने संबंधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. विपक्षी दलों का कहना है कि इन्हें संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए.
होसबाले ने क्या दिया था बयान?
आपातकाल पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा था ‘‘बाबासाहेब आंबेडकर ने जो संविधान बनाया उसकी प्रस्तावना में ये शब्द कभी नहीं थे. आपातकाल के दौरान जब मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए, संसद काम नहीं कर रही थी, न्यायपालिका पंगु हो गई थी, तब ये शब्द जोड़े गए.’’ उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे पर बाद में चर्चा हुई लेकिन प्रस्तावना से उन्हें हटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया. होसबोले ने कहा ‘‘इसलिए उन्हें प्रस्तावना में रहना चाहिए या नहीं, इस पर विचार किया जाना चाहिए.’’
विपक्षी दलों ने होसबाले के बयान पर RSS-BJP को घेरा
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा ‘‘आरएसएस ने कभी भी भारत के संविधान को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया. इसने 30 नवंबर, 1949 के बाद से डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और इसके निर्माण में शामिल अन्य लोगों पर निशाना साधा. आरएसएस के अपने शब्दों में संविधान मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस और बीजेपी ने बार-बार नए संविधान का आह्वान किया है. केरल के मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता पिनराई विजयन ने होसबाले के बयान की निंदा की और इसे भारतीय गणतंत्र के मूल आदर्शों को खत्म करने का एक प्रयास करार दिया. दूसरी तरफ बीजेपी ने होसबाले के बयान का परोक्ष रूप से समर्थन करते हुए कहा कि कोई भी सही सोच वाला नागरिक इसका समर्थन करेगा क्योंकि हर कोई जानता है कि ये शब्द डॉ. भीम राव आंबेडकर की ओर से लिखे गए मूल संविधान का हिस्सा नहीं थे.