गुजरात के एक हीरा कारोबारी ने रामलला की मूर्ति के लिए 11 करोड़ रुपये का हीरे का मुकुट दान में दिया है. सूरत में कारोबारी मुकेश पटेल की ग्रीन लैब डायमंड कंपनी से नाम से हीरा कंपनी है. उन्होंने 51 इंच की प्रभु श्रीराम की मूर्ति के लिए 6 किलो का मुकुट भेंट किया है.
मुकुट में हीरा, सोना और बहुमूल्य पत्थर जड़े हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुकुट भेंट करने के लिए मुकेश अपने परिवार के साथ अयोध्या पहुंचे और ट्रस्ट के पदाधिकारियों को मुकुट भेंट किया.
इस बीच, विहिप के खजांची दिनेश भाई नविया ने बताया कि मुकेश पटेल ने मुकुट के अलावा कुछ आभूषण भी भेंट किए हैं. उनके मुताबिक मुकुट और जवाहरात बनाने के लिए मुकेश पटेल ने पहले अपने दो कर्मचारियों को अयोध्या भेजा था. उन्होंने यहां आकर मूर्ति की माप ली थी और उसके बाद मुकुट व जवाहरात तैयार किए. बता दें कि रामलला की मूर्ति मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार की है.
गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर के कपाट आज यानी मंगलवार को आम जनता के लिए खुल गए हैं. कल यानी सोमवार को मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की गयी थी. स्थानीय लोगों समेत देश के कोने कोने से राम लला के दर्शन करने भक्त अयोध्या आएं हैं.
प्राण प्रतिष्ठा के लिए फूलों से सजाए गए द्वार के पाल बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए हैं. भगवान राम के चित्र वाले झंडे लेकर और जय श्री राम के नारे लगाते हुए श्रद्धालु कड़कड़ाती ठंड में भव्य मंदिर के दरवाजे खुलने से पहले घंटों तक इंतजार करते रहे.
आम जनता के लिए मंदिर के दरवाजे मंगलवार को सुबह खुल गए. हालांकि मंदिर के बाहर लंबी कतारों में वे लोग इंतजार कर रहे हैं जो प्रतिष्ठा समारोह से पहले से ही अयोध्या में डेरा डाले हुए हैं, जिन्होंने मंदिर शहर तक पहुंचने के लिए लंबी और कठिन यात्राएं की हैं.
इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में अयोध्या के मंदिर में रामलला की नयी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर को एक नए युग के आगमन का प्रतीक करार दिया और लोगों से मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर अगले 1,000 वर्षों के मजबूत, भव्य और दिव्य भारत की नींव बनाने का आह्वान किया.
पीएम मोदी ने मोदी ने गर्भगृह में अनुष्ठान करने के बाद कहा था कि 22 जनवरी 2024, केवल कैलेंडर में एक तारीख नहीं है, बल्कि एक नए युग के आगमन की शुरुआत है. प्रधानमंत्री ने भगवान राम के बाल स्वरूप की 51 इंच ऊंची मूर्ति के सामने भी माथा टेका.
पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर परिसर पूर्व से पश्चिम तक 380 फुट लंबा, 250 फुट चौड़ा है और ‘शिखर’ तक इसकी ऊंचाई 161 फुट है. यह 392 स्तंभों पर आधारित है और इसमें 44 दरवाजे हैं.
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