रवि किशन ने कही ये बात
रवि किशन ने कहा, मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि मुझे विधेयक पेश करने दें और सुनें कि मैं इसे क्यों करना चाहता हूं. उन्होंने आगे कहा, यह विकास का बिल है. जिस दिन यह पारित होगा, राष्ट्र विश्व गुरु बनने की ओर उड़ जाएगा. मैं इस बिल को सिर्फ विकास के पहलू से देख रहा हूं, न कि जाति या धर्म के पहलू से.
असदुद्दीन ओवैसी ने जनसंख्या नियंत्रण का किया विरोध
बीते दिनों स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में कहा था कि सरकार राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, जो राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के सिद्धांतों पर आधारित है. वहीं एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे बच्चे दो ही अच्छे की नीति का समर्थन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर अगर मुसलमानों को टारगेट किया गया तो वे इसका विरोध करेंगे.
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क्या है जनसंख्या नियंत्रण कानून?
आपको बता दें कि भारत में 1.4 बिलियन से अधिक लोगों की जनसंख्या है. 2019 का जनसंख्या नियंत्रण बिल (Population control Law) कहता है कि प्रत्येक जोड़ा टू चाइल्ड पॉलिसी को अपनाएंगे यानी की दो से अधिक बच्चे नहीं होगी. हालांकि 2022 में इसे वापस ले लिया गया था. इस पॉलिसी का उद्देश्य जनसंख्या पर नियंत्रण, शैक्षिक लाभ, मुफ्त स्वास्थ्य सेवा, बेहतर रोजगार के अवसर, होम लोन और टैक्स कट के माध्यम से इसे अपनाने को प्रोत्साहित करना था.