Sambhal Mosque Survey : उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि निचली अदालत इस मामले में कोई एक्शन नहीं ले. मामले में हाई कोर्ट के आदेश के बिना कुछ भी नहीं किया जाए. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा कि वह सुप्रीम कोर्ट आने से पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए ?
Sambhal dispute | Supreme Court keeps the case pending before it and posts the matter for hearing in the week commencing from January 6, 2025.
— ANI (@ANI) November 29, 2024
शीर्ष कोर्ट ने आदेश दिया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखा जाए. कोर्ट ने मामले को लंबित रखा. मामले की सुनवाई 6 जनवरी, 2025 को तय की.
मस्जिद की प्रबंधन समिति ने किस आदेश को चुनौती दी
शाही जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने शीर्ष कोर्ट में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के आदेश को चुनौती दी है. इस आदेश में मुगलकालीन मस्जिद के सर्वे की अनुमति दी गई थी. हिंदु पक्ष का दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर को नष्ट करके किया गया था. मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने शुक्रवार को विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई की.
#WATCH | Metal detectors installed at the entrance of Shahi Jama Masjid in UP's Sambhal, ahead of the congregation of devotees for Friday prayers pic.twitter.com/asPNbPbeVK
— ANI (@ANI) November 29, 2024
जुमे की नमाज के पहले संभल में प्रशासन अलर्ट
इस बीच, उत्तर प्रदेश के संभल में जुमे की नमाज के पहले प्रशासन अलर्ट मोड में नजर आया. जामा मस्जिद के गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं. इलाके में ड्रोन से निगरानी की जा रही है. संभल में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के बाहर सुरक्षा तैनात की गई है क्योंकि कोर्ट द्वारा नियुक्त एएसआई टीम आज शाही जामा मस्जिद पर सर्वेक्षण पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
#WATCH | UP | Security deployed outside the District Court in Sambhal as the court-appointed ASI team will submit its report on the survey on Shahi Jama Masjid today pic.twitter.com/AD2sHd80kL
— ANI (@ANI) November 29, 2024
मस्जिद कमेटी ने अपनी याचिका में क्या कहा?
मस्जिद कमेटी की याचिका में कहा गया है कि मस्जिद 16वीं शताब्दी से अस्तित्व में थी. मुस्लिम लगातार इसका इस्तेमाल पूजा स्थल के रूप में करते रहे हैं, लेकिन आठ वादियों द्वारा मुकदमा दायर किए जाने के बाद मामले को जल्दबाजी में निपटा दिया गया. इनका कहना है कि इस मस्जिद को ‘श्री हरि हर मंदिर’ को नष्ट करने के बाद बनाया गया था. याचिका में कहा गया है कि यह वाद 19 नवंबर को प्रस्तुत किया गया था. उसी दिन ट्रायल कोर्ट ने एकपक्षीय आदेश दिया. इसमें मस्जिद के सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया था.
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आदेश के दो घंटे के भीतर सर्वे हुआ शुरू
मस्जिद प्रबंधन ने कहा कि आदेश के दो घंटे के भीतर, एडवोकेट कमिश्नर, वादी के वकील और पुलिस बल सर्वे करने के लिए मस्जिद पहुंच गए. सर्वे शाम 6 बजे शुरू हुआ और रात 8.30 बजे तक जारी रहा. टीम 24 नवंबर की सुबह दूसरे सर्वे के लिए पहुंची और नमाज के लिए मस्जिद में मौजूद नमाजियों से परिसर छोड़ने को कहा.
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