राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस फैसले को मूडी बताया. पवार ने कहा, 2000 के नोट को वापस लेना, अस्थिर स्वभाव वाले व्यक्ति की हरकत जैसा है.
शरद पवार ने कहा- 2,000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले के बारे में कुछ शिकायतें मिली
शरद पवार ने पुणे में पत्रकारों से कहा, “यह एक मूडी व्यक्ति के फैसले जैसा है. मुझे 2,000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले के बारे में कुछ शिकायतें मिली हैं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद, पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक जैसी संस्थाओं को नुकसान हुआ क्योंकि इनके पास मौजूद कई करोड़ रुपये बदले नहीं जा सके. पवार ने दावा किया कि कोल्हापुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के साथ भी ऐसा ही हुआ था.
19 मई को आरबीआई ने 2000 के नोट वापस लेने की घोषणा की
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने की घोषणा की थी और कहा था कि मौजूदा नोट को या तो बैंक खातों में जमा किया जा सकता है या 30 सितंबर तक बदला जा सकता है.
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ईडी कार्रवाई पर भी पवार ने केंद्र सरकार को घेरा
जयंत पाटिल से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने संकेत दिया कि कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का कारण सत्तारूढ़ दल की उम्मीदों को पूरा नहीं करना हो सकता है. पवार ने कहा कि उन नेताओं को परेशानी होगी लेकिन उन्होंने जो रास्ता चुना है उससे कभी नहीं भटकेंगे. वह राकांपा के कुछ नेताओं के खिलाफ ईडी और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर पुणे में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
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