राहुल गांधी के भक्त-चेलों…जानें शर्मिष्ठा मुखर्जी ने क्यों कह दी ये बात

Sharmistha Mukherjee : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राहुल गांधी पर कटाक्ष किया है. राहुल के करीबियों को उन्होंने 'भक्त-चेले' कह दिया.

By Amitabh Kumar | December 31, 2024 4:56 PM
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबियों से नाराज चल रहीं हैं. राहुल के वफादारों की उन्होंने आलोचना की. यही नहीं सोमवार को अपने ही भाई अभिजीत मुखर्जी पर पलटवार किया. कुछ दिन पहले शर्मिष्ठा ने आरोप लगाया था कि उनके पिता के निधन के बाद सीडब्ल्यूसी की कोई बैठक नहीं बुलाई गई. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट किया जिसमें राहुल गांधी के करीबियों को ‘भक्त-चेले’ कहा.

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक्स पर क्या लिखा?

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक्स पर लिखा- राहुल गांधी के भक्त-चेले, जो मेरे पिता के आरएसएस दफ्तर जाने के बाद उन्हें ‘संघी’ कहते नजर आए. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे अपने नेता से पूछें कि उन्होंने संसद में नरेंद्र मोदी को क्यों गले लगाया, जिन्हें उनकी मां ने ‘मौत का सौदागर’ कहा था.

अभिजीत मुखर्जी ने शर्मिष्ठा मुखर्जी के दावों को किया खारिज

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने अपनी बहन शर्मिष्ठा मुखर्जी के दावों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि उनके पिता को सार्वजनिक जीवन में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद समेत जो कुछ हासिल हुआ, वो कांग्रेस की ही देन थी. पूर्व सांसद मुखर्जी ने यह भी कहा कि उनके पिता का निधन कोराना काल में हुआ था. ऐसे में उस समय की कई पाबंदियों के चलते कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकी थी, हालांकि बाद में कार्य समिति ने श्रद्धांजलि अर्पित की थी.

ये भी पढ़ें : पिता को सबकुछ कांग्रेस की वजह से मिला : अभिजीत

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने क्या किया था दावा

इससे पहले प्रणब मुखर्जी की बेटी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के बाद सिंह के सम्मान में कार्य समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित किए जाने का हवाला दिया था. उन्होंने कहा था कि उनके पिता के निधन पर कांग्रेस ने यह नहीं किया था. शर्मिष्ठा ने 27 दिसंबर को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, ‘‘जब मेरे पिता का निधन हुआ तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई. एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे कहा था कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता. यह पूरी तरह से गलत बात है. ऐसा इसलिए क्योंकि बाद में मुझे मेरे बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलायी गयी थी. शोक संदेश खुद बाबा ने ही तैयार किया था.’’

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