नई दिल्ली : पेगासस जासूसी मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सूचना तकनीक संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर बुधवार को गृह मंत्रालय के अधिकारियों से पूछताछ नहीं कर पाए. इसका कारण यह है कि कोरम पूरा नहीं होने की वजह से पूछताछ के लिए आयोजित बैठक स्थगित कर दी गई. शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति के कई सदस्य नागरिकों के आंकड़ों की सुरक्षा और निजता पर चर्चा करने के लिए बैठे थे.
इस बीच, खबर यह भी है कि भाजपा के नेताओं ने सूचना तकनीक संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए उन्हें इस पद हटाने की मांग भी की है. समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से जानकार सूत्रों के हवाले से दी गई खबर के अनुसार, इस समिति में शामिल भाजपा सदस्य बैठक में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने विरोध स्वरूप उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं किए. इस कारण बैठक के लिए जरूरी कोरम पूरा नहीं हो सका.
इसके पहले, संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा था कि पेगासस जासूसी मामले को लेकर सूचना एवं तकनीक मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से समिति के सदस्य सवाल-जवाब करेंगे. भाजपा सांसदों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जब कांग्रेस संसद की कार्यवाही नहीं चलने दे रही है, तो फिर समिति की बैठक में इसकी चर्चा नहीं हो सकती.
समिति के सदस्य और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट किया कि भाजपा सांसद समिति की बैठक में आए और उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, ताकि कोरम पूरा नहीं हो. इलेक्ट्रानिक और सूचना तकनीक मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय से बुलाए गए लोगों ने लिखित रूप सूचना दी और उपस्थित नहीं हुए. यह बहुत साफ है कि पेगासस को लेकर यह सरकार कुछ नहीं करने वाली है.
थरूर ने मंगलवार को कहा था कि समिति अपनी बैठक में राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों के फोन कथित तौर पर पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए टैप करने के मामले में सरकारी अधिकारियों से सवाल पूछेगी. उन्होंने कहा कि समिति के कई सदस्यों के लिए यह सबसे अहम मामला है. इस 32 सदस्यीय समिति की बैठक का मुद्दा नागरिकों के डेटा की सुरक्षा और निजता था. समिति में सबसे अधिक सांसद भाजपा के हैं.
बता दें कि पिछले सप्ताह कुछ मीडिया संगठनों के इंटरनेशनल कंसोर्टियम ने कहा था कि भारत में पेगासस स्पाइवेयर के जरिए 300 से अधिक मोबाइल नंबरों की कथित निगरानी की गई. इसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्रियों प्रह्लाद पटेल ओर अश्विनी वैष्णव और 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं के अलावा अनेक कार्यकर्ताओं के नंबर भी थे. सरकार इस मामले में विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करती रही है.
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Posted by : Vishwat Sen
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