वीरता के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आईपीएस शिलादित्य चेतिया ने पत्नी की मौत के बाद किया सुसाइड
शिलादित्य चेतिया आतंकवाद के खिलाफ बहुत काम किया है, कोरोना में भी वे मुस्तैदी के साथ ड्यूटी पर थे और खुद भी पाॅजिटिव हो गए थे.
By Rajneesh Anand | June 19, 2024 4:44 PM
Shiladitya Chetia: वो आईपीएस अधिकारी जिसे राष्ट्रपति ने वीरता का पदक दिया हो, वो कैसे और किस कदर इतना मजबूर हो सकता है कि उसने खुद को अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मार ली? यह सवाल लाजिमी है, लेकिन 44 वर्षीय आईपीएस अधिकारी शिलादित्य चेतिया कुछ इसी तरह की मानसिक स्थिति में इतने परेशान हो गए कि उन्होंने अपनी पत्नी की मौत के बाद खुद को अस्पताल के आईसीयू में ही गोली मार ली. मामला कुछ यूं है कि शिलादित्य चेतिया की पत्नी अगामोनी बोरबारुआ कैंसर से पीड़ित थीं और मंगलवार को उनकी मौत हो गई, चार महीनों से लगातार पत्नी की सेवा में जुटे असम के गृह सचिव शिलादित्य चेतिया इस बात को बर्दाश्त नहीं कर सके और अस्पताल के कर्मचारियों से यह कहा कि उन्हें अपनी पत्नी के शव के साथ कुछ देर अकेला छोड़ दें. और फिर शिलादित्य ने वही किया, जो एक साथ जीने-मरने की कसम खाने वाला जोड़ा करता है, उन्होंने आत्महत्या कर ली.
12 मई 2013 को हुई थी शादी
शिलादित्य चेतिया और अगामोनी बोरबारुआ की शादी 12 मई 2013 को अरेंज मैरिज के रूप में हुई थी. दोनों एक साथ बेहद खुश थे. इस दंपती की कोई संतान नहीं थी. शिलादित्य चेतिया 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और फिलहाल असम के गृह और राजनीतिक विभाग में सचिव के रूप में कार्यरत थे. इस दंपती के आपसी संबंधों को इस बात से समझा जा सकता है कि वे पिछले चार महीने से पत्नी की सेवा के लिए छुट्टी पर थे. चेतिया को प्रदेश में उनकी बहादुरी के लिए जाना जाता है, उन्होंने कई सफल आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया और सफल रहे, जिसकी वजह से उन्हें राष्ट्रपति का वीरता पुरस्कार भी प्रदान किया गया था. शिलादित्य असम के उन चुनिंदा आईपीएस अधिकारियों में से थे, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में पूरी बहादुरी के साथ काम किया. कोरोना के दौरान तिनसुकिया में उन्होंने जबरदस्त काम किया. आमलोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने और उनके इलाज के लिए वे दिन-रात जुटे रहते थे. यह इस बात का परिचायक है कि शिलादित्य आतंकवाद के खिलाफ जितने कठोर हृदय थे, उतनी ही उनके अंदर भावुकता भी थी.
शिलादित्य चेतिया ने प्रदेश में बाल विवाह रोकने के लिए भी काफी प्रयास किए. शिलादित्य और अगामोनी बोरबारुआ एक दूसरे से काफी प्रेम करते थे, यही वजह है कि शादी के इतने साथ बाद भी उनके प्रेम में कोई एकरसता नहीं आई. वे एक दूसरे के लिए ही बने थे. शिलादित्य की पत्नी को फोर्थ स्टेज का कैंसर था. उनका इलाज हो रहा था, लेकिन फोर्थ स्टेज कैंसर से उबर पाना नामुमकिन सा है. शिलादित्य और अगामोनी की मौत पर असम के मुख्यमंत्री ने दुख प्रकट किया है. सोशल मीडिया में इस अनोखी प्रेम कहानी के अंत पर काफी कुछ लिखा जा रहा है और उनके सहकर्मी भी दुख व्यक्त कर रहे हैं.