Shubhanshu Shukla Return Video: अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौट आया भारत का बेटा शुभांशु शुक्ला, देखें लाइव
Shubhanshu Shukla: भारत के अंतरिक्ष यात्री और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पृथ्वी पर लौट आए. उनके साथ एक्सिओम-4 के अन्य अंतरिक्ष यात्री की भी पृथ्वी पर वापसी हो गई है. यान ने आज भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे कैलिफोर्निया के तट पर वापसी की.
By ArbindKumar Mishra | July 15, 2025 2:43 PM
Shubhanshu Shukla Return, axiom 4 mission in hindi: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिनों के प्रवास के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए हैं. चारो अंतरिक्ष यात्री सोमवार को दोपहर में अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना हुए थे. अनडॉकिंग के लगभग 22.5 घंटे बाद कैलिफोर्निया के तट पर उनका यान पहुंचा. अंतरिक्ष कैप्सूल को एक विशेष जहाज द्वारा तट पर लाया गया. करीब 45 मिनट बाद शुभांशु और उनके साथी ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकले. उस समय शुभांशु के चेहरे पर गर्व और खुशी का भाव साफ झलक रहा था. अंतरिक्ष में 18 दिन बिताने के बाद जब शुभांशु पृथ्वी पर लौटे तो, उसके स्वागत में पूरा देश खड़ा था. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया. केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भी सीएसआईआर ऑडिटोरियम में एक्सिओम 4 की पृथ्वी पर वापसी का सीधा प्रसारण देखा. सोमवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा था, वेलकम शुभांशु. स्पेसक्राफ्ट की वापसी का यहां आप सीधा प्रसारण देख सकते हैं.
माता-पिता ने बेटे को पृथ्वी पर लौटते हुए लाइव देखा
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के परिवार ने उनकी पृथ्वी वापसी को लाइव देखा. प्रशांत महासागर में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 चालक दल के उतरने को देखने के लिए माता और पिता सहित पूरा परिवार सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में इकट्ठा हुए थे.
#WATCH | Axiom 4 Mission | Delhi | On the return of Group Captain Shubhanshu Shukla and the crew today, Programme Manager of Nehru Planetarium Prerna Chandra says, "For the first time, astronauts from 3 countries are a part of this mission, including Group Captain Shubhanshu… pic.twitter.com/I5uiS0NMqY
शुभांशु के अंतरिक्ष मिशन से भारत को क्या होगा फायदा?
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और क्रू की वापसी पर, नेहरू तारामंडल की कार्यक्रम प्रबंधक प्रेरणा चंद्रा ने कहा, “पहली बार, तीन देशों के अंतरिक्ष यात्री इस मिशन का हिस्सा हैं, जिनमें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं. उनका अनुभव भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए अमूल्य होगा… चंद्रयान की सफलता के बाद, भारत ने वैश्विक अंतरिक्ष मंच पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. इस तरह के मिशन न केवल हमारी दृश्यता बढ़ाते हैं, बल्कि भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में प्रस्तुत करते हैं. हम जनता, विशेषकर बच्चों और युवाओं को इस मिशन से जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं. हमने कार्यशालाओं का आयोजन किया है और छात्रों के लिए कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया है और गुंबद के अंदर और बाहर लाइव देखने की व्यवस्था की है. हम शुभांशु शुक्ला को तारामंडल में आमंत्रित करने की भी योजना बना रहे हैं ताकि युवा उनकी यात्रा को सुन सकें और बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित हो सकें. जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है, भारत का लक्ष्य 2040 तक अंतरिक्ष में बड़ी प्रगति करना है, जिसके तहत गगनयान, शुक्रयान और अन्य मिशन पाइपलाइन में हैं.”
#WATCH | Haridwar, Uttarakhand | President of Akhil Bharatiya Akhada Parishad, Mahant Ravindra Puri says, "We all are very excited today…We have offered prayers for the safe return of Group Captain Shubhanshu Shukla to Earth…" https://t.co/NZ6Z8Knhdbpic.twitter.com/2ZjN4ra1d8
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सकुशल धरती पर वापसी के लिए प्रार्थना की. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “आज हम सभी बहुत उत्साहित हैं…हमने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना की है.”
शुभांशु ने अंतरिक्ष स्टेशन में गुजारे 18 दिन
शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिनों के प्रवास के बाद पृथ्वी पर वापस लौट रहे हैं. मिशन पायलट शुक्ला के साथ कमांडर पैगी व्हिटसन, मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीवस्की और हंगरी के टिबोर कापू हैं. ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान का हैच, जो इसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जोड़ता था, भारतीय समयानुसार दोपहर 2:37 बजे बंद कर दिया गया. फिर चालक दल के सदस्य भारतीय समयानुसार दोपहर 4:35 बजे रवाना हो गए. एक्सिओम-4 मिशन ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा 25 जून को शुरू की थी, जब ड्रैगन अंतरिक्ष कैप्सूल को ले जाने वाला फाल्कन-9 रॉकेट फ्लोरिडा से आईएसएस की ओर रवाना हुआ था.