देवबर्मा ने इस पूरे मुद्दे पर एक फेसबुक पोस्ट लिखा, ‘ मैंने देर रात ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की और उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने इंतजार किया और इंतजार करते रहे, लेकिन उनके द्वारा हमारे नेता को कोई भी अप्वाइंटमेंट नहीं मिली.’ देवबर्मा ने यह भी लिखा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उनकी बातों पर कोई अमल नहीं किया.
उन्होंने आगे लिखा कि हम कांग्रेस क्यों आये थे? जब हमें सुना ही नहीं जायेगा तो, हमें कांग्रेस लाये क्यों? साथ ही उन्होंने कहा कि जब मुझे कांग्रेस लाया गया तो, राहुल गांधी ने कहा कि आप त्रिपुरा की आवाज हो, लेकिन अब हमारी आवाज को ही कोई नहीं सुन रहा है.
सिंधिया ने दिया था इस्तीफा– मंगलवार को पार्टी के कद्दावर नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने एक साल से कांग्रेस में उनकी हो रही उपेक्षा का जिक्र किया है. सिंधिया के इस्तीफे के साथ मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार खतरे में आ गयी है. पार्टी के 22 विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिधिंया भाजपा में शामिल होंगे.
राहुल के इस्तीफे के बाद से ही युवा नेताओं पर संकट– लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सोनिया गांधी को फिर से पार्टी की कमान सौंपी गयी. कांग्रेस के युवा नेताओं का आरोप है कि इसके बाद से ही उनकी पार्टी में नहीं सुनी जा रही है.