Skill Development: आदिवासी छात्रों के कौशल को निखारने में मदद करेगा टाटा मोटर्स

आदिवासी समुदाय के रोजगार क्षमता और करियर के अवसरों को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आदिवासी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले स्वायत्त संगठन राष्ट्रीय जनजातीय विद्यार्थी शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) ने टाटा मोटर्स लिमिटेड (टीएमएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है. समझौते के तहत एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) से 12वीं कक्षा पास करने वाले जनजातीय छात्रों के लिए टाटा मोटर्स कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन करेगा.

By Vinay Tiwari | July 10, 2025 7:07 PM
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Skill Development: जनजाति छात्रों को शिक्षा और रोजगार मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई योजना शुरू की गयी है. जनजाति आबादी के लिए रोजगार मुहैया कराने के लिए उनके स्थानीय उत्पादों को बाजार मुहैया कराने के साथ ही स्थानीय लोगों का कौशल विकास के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. आदिवासी उत्पादों की पहुंच वैश्विक बाजार तक सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है. इस समुदाय के रोजगार क्षमता और करियर के अवसरों को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आदिवासी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले स्वायत्त संगठन राष्ट्रीय जनजातीय विद्यार्थी शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) ने टाटा मोटर्स लिमिटेड (टीएमएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है. 

पांच साल के लिए किया गया समझौता


समझौते के तहत एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) से 12वीं कक्षा पास करने वाले जनजातीय छात्रों के लिए टाटा मोटर्स कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन करेगा. इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले आदिवासी छात्रों को रोजगार मुहैया कराने का काम भी करेगा. यह समझौता पांच साल के लिए किया गया है ताकि सामाजिक तौर पर वंचित समुदायों के जीवन स्तर में सुधार लाने का काम किया जा सके. यह समझौता राष्ट्रीय विकास और सतत विकास लक्ष्यों के तहत किया गया है. इसमें रोजगारपरक शिक्षा को प्राथमिकता दी गयी है. गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनजातीय विद्यार्थी शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है. यह पूरे देश में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के जरिये जनजातीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में मदद करता है. 

आदिवासी छात्रों के कौशल को निखारना है मकसद


समझौते का मकसद जनजातीय युवाओं को कुशल कार्यबल में एकीकृत करने के लिए एक बेहतर मौका मुहैया कराना है. इस योजना में 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के ईएमआरएस में नामांकित 50000 से अधिक 12वीं के छात्रों को लाभ मिलने की संभावना है. समझौते का मुख्य मकसद आजीविका सृजन में दोनों संगठनों के साझा हितों को आगे बढ़ाना है. एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय से 12वीं पास करने वाले जनजातीय छात्रों को कौशल-आधारित शिक्षा और रोजगार के नये रास्ते अपनाने में मदद मिलेगी. इसके लिए छात्रों का चयन तय मानक के आधार पर किया जायेगा. इस योजना का लाभ उठाने के लिए आदिवासी छात्रों की उम्र 18-23 वर्ष के बीच होनी चाहिए और  10वीं परीक्षा में न्यूनतम 60 फीसदी अंक हासिल करना जरूरी है.

प्रशिक्षु को प्लेसमेंट का मौका भी मिलेगा

यह कार्यक्रम कमाएं और सीखें मॉडल पर आधारित है, जिसमें इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के साथ साप्ताहिक विश्वविद्यालय, संस्थान द्वारा संचालित कक्षाएं, एनएसक्यूएफ के अनुसार ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण (ओजेटी) और विश्वविद्यालय के दिशानिर्देशों के अनुसार नियमित सेमेस्टर परीक्षा और मूल्यांकन शामिल हैं. लागू कानूनों के अनुसार मासिक छात्रवृत्ति वितरित करना, रियायती खान-पान और परिवहन सेवा, वर्दी, पीपीई प्रदान करना और छात्रों को बीमा (मेडिक्लेम, श्रमिक क्षतिपूर्ति के अनुसार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा) की सुविधा मिलेगी. बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को बिट्स पिलानी से बीटेक जैसी स्व-वित्तपोषित या प्रायोजित उच्च शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा. कार्यक्रम पूरा होने पर एक प्रशिक्षु, एक नौकरी नीति का पालन करते हुए पूरे भारत में टीएमएल के विनिर्माण और सेवा केंद्रों में अवसरों के साथ प्लेसमेंट देने में मदद मिलेगी.

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