नई दिल्ली : महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर एकनाथ शिंदे गुट को सुप्रीम कोर्ट की ओर से गुरुवार को तगड़ा झटका लगा है. शिवसेना पर दावेदारी मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने निर्वाचन आयोग को फिलहाल एकनाथ शिंदे गुट की उस याचिका पर कोई फैसला लेने से रोक दिया है, जिसमें उसे ही असली शिवसेना मानते हुए पार्टी का चुनाव चिह्न देने की मांग की गई है.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को अभी एकनाथ शिंदे धड़े की उस याचिका पर कोई फैसला नहीं लेने का गुरुवार को निर्देश दिया, जिसमें कहा गया है कि उसे ही असली शिवसेना माना जाए और पार्टी का चुनावी चिह्न दिया जाए. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि वह महाराष्ट्र के हाल के राजनीतिक संकट से संबंधित मामलों को संविधान पीठ के पास भेजने पर सोमवार तक फैसला लेगी.
Supreme Court asks Election Commission of India not to decide on the application filed by Eknath Shinde camp for recognition as the 'real Shiv Sena' party and allotment of the Bow and Arrow symbol to it. pic.twitter.com/7xo2JjCHRL
— ANI (@ANI) August 4, 2022
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, ‘हम इस पर फैसला लेंगे कि मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा जाए या नहीं.’ सर्वोच्च अदालत महाराष्ट्र में हाल के राजनीतिक संकट के दौरान शिवसेना और उसके बागी विधायकों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इस संकट से राजनीतिक दलों में विभाजन, विलय, दल-बदल और अयोग्य करार देने समेत संवैधानिक मुद्दे पैदा हुए हैं.
उद्धव ठाकरे गुट पर डोम्बिवली में मुकदमा दर्ज
उधर, ठाणे पुलिस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए शिवसेना के उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले धड़े की एक महिला पदाधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ठाणे जिले के डोम्बिवली में शिवसेना के ठाकरे की अगुवाई वाले धड़े की पदाधिकारी कविता गावंद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. शिंदे शिवसेना के बागी धड़े का नेतृत्व कर रहे हैं.
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शिवसेना के दोनों गुट के पदाधिकारियों में झड़प
बता दें कि मंगलवार को डोम्बिवली में शिवसेना कार्यालय में मुख्यमंत्री शिंदे और ठाकरे के समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी. शिंदे गुट के समर्थक पार्टी कार्यालय में घुसे और वहां मुख्यमंत्री तथा उनके बेटे एवं सांसद श्रीकांत शिंदे की तस्वीरें लगाईं. अधिकारी ने बताया कि दोनों धड़ों के सैकड़ों समर्थकों के बीच झड़प हुई. इस दौरान कविता गावंद ने मुख्यमंत्री शिंदे के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया. उन्होंने बताया कि डोम्बिवली पुलिस थाने में महिला पदाधिकारी और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153(ए) (विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 505 (2) (समूहों के बीच शत्रुता, घृणा पैदा करने या उसे बढ़ावा देने वाले बयान देने) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. अभी तक इस संबंध में कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है.
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