सुप्रीम कोर्ट को मिले पांच नए जज, केंद्र ने कॉलेजियम की सिफारिश पर लगाई मुहर

सेंट्रल गवर्नमेंट ने सुप्रीम कोर्ट में पांच नये जजों की नियुक्ति की है. इन सभी की सिफारिश पिछले साल सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की थी. इन जजों की सूची में जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल है.

By Vyshnav Chandran | February 4, 2023 8:50 PM
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Supreme Court New Judges: सुप्रीम कोर्ट में पांच नये जजों की नियुक्ति की गयी है. इन सभी जजों के नामों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले साल दिसंबर के महीने में की थी. करीबन तीन महीनों के बाद केंद्र सरकार ने इन सभी नामों को मंजूरी दे दी है. रिपोर्ट्स की माने तो राष्ट्रपति भवन से इनकी नियुक्ति का परवान जारी होने के बाद सोमवार के दिन इनके शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किये जाने की उम्मीद है. इन पांचों जजों की अगर बात करें तो इनमें जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल है.

सोमवार को शपथ लेने की उम्मीद

सूत्रों की माने तो सोमवार के दिन इन सभी नव नियुक्त जजों को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में शपथ लेना होगा. इन सभी के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट के पास कुल स्वीकृत जजों की संख्या 32 हो जाएगी जो कि अभी कुल 27 हैं. रिपोर्ट्स की माने तो अगले हफ्ते केंद्र सरकार सिफारिश किये गए और दो नामों को मंजूरी दे सकती है. इन दोनों ही नामों की सिफारिश भी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने ही की है. अगर इन दोनों नामों को मंजूरी मिल जाती है तो सुप्रीम कोर्ट के पास कुल 34 जज हो जाएंगे और फिर सुप्रीम कोर्ट दोबारा अपनी पूरी कार्यक्षमता में आ जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी

अगर आप नहीं जानते तो बता दें सुप्रीम कोर्ट में जजों के लिए कुल 34 पद होते हैं और अब इन पांचों की नियुक्ति के बाद कुल 32 जज हो जाएंगे. बता दें एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इन जजों की नियुक्ति नहीं किये जाने पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि- हमें सख्त फैसले लेने पर मजबूर न किया जाए. वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी काफी बड़ा बयान दिया था. अपने बयान में उन्होंने कहा था कि- मैंने आज एक मीडिया रिपोर्ट देखी और उसमे बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी भी दी है. भारतीय संविधान हमारा मार्गदर्शक है और कोई भी इसे चेतावनी नहीं दे सकता.

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