पराली जलाने से वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंची
पंजाब में पराली जलाए जाने और धीमी हवाएं चलने से वायु गुणवत्ता ”गंभीर” श्रेणी में आ जाने के कारण मंगलवार को दिल्ली में धुंध और धुएं की परत छाई रही. जिससे दृश्यता स्तक कम रहा. वहीं अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ”नासा” की उपग्रह से ली गई तस्वीरों में कई लाल निशान नजर आ रहे हैं, जो पंजाब और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में पराली जलाए जाने के मामलों को दिखा रहा. पूर्वी पाकिस्तान से पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सिंधु-गंगा के मैदानों के विशाल क्षेत्रों में धुंध की एक परत नजर आ रही है.
दिल्ली का एक्यूआइ 400 के पार पहुंचा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 424 रहा. सोमवार को एयर इंडेक्स 392 था. यानी चौबीस घंटे के भीतर ही इसमें 32 अंकों की बढ़ोतरी हो गई. सीपीसीबी की रियल टाइम मानिटरिंग के मुताबिक सोमवार की देर रात ही दिल्ली का एक्यूआइ 400 पार हो गया. मंगलवार को पूर्वाह्न 10 बजे यह 429 बताया गया था.
एनसीआर में भी एयर इंडेक्स में बढ़ोत्तरी
कई क्षेत्रों में पीएम 2.5 यानी फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले सूक्ष्म कणों की सांद्रता 450 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक है. जो 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से लगभग आठ गुना ज्यादा है. एनसीआर के शहरों में फरीदाबाद का एयर इंडेक्स 403, गाजियाबाद का 381, ग्रेटर नोएडा का 402, गुरुग्राम का 390 और नोएडा का 398 दर्ज हुआ. सोमवार की तुलना में एनसीआर के इन सभी शहरों के एयर इंडेक्स में भी वृद्धि पाई गई.
फिलहाल जहरीली हवाओं से राहत नहीं
दिल्ली के वायु प्रदूषण में मंगलवार को पराली के धुएं की हिस्सेदारी 14 फीसदी रही. वहीं पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की 1939 मामले दर्ज किए गए. ऐसे में दिल्ली एनसीआर वासियों को अभी खराब और जहरीली हवा से राहत नहीं मिलने की संभावना है.