इधर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी यूसीसी का विरोध किया है. यूपी के लखनऊ ईदगाह के इमाम खालिद रशीद फरंगी महली ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कहा कि इसे मुसलमानों को किसी भी हालत में कबूल नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे इस्लामी शरीयत पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा है कि सभी मुसलमान यूसीसी के ड्राफ्ट पर लॉ कमीशन को अपनी राय भेजें. सभी मस्जिदों के इमामों से कहा गया है कि वे जुमे के दिन नमाज से पहले मुसलमानों को यूसीसी के बारे में बताएं और इसका विरोध करने के लिए कहें.
विधि आयोग को यूसीसी पर मिले करीब 46 लाख प्रतिक्रिया
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर विचार भेजने की समय सीमा दो दिन में खत्म होने वाली है, लेकिन इससे पहले विधि आयोग को करीब 46 लाख प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी है. सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में कुछ खास संगठनों और लोगों को आयोग की ओर से व्यक्तिगत सुनवाई के लिए आमंत्रित किये जाने की भी संभावना है. इनमें से कुछ आमंत्रण पत्र भेजे जा चुके हैं. आयोग ने राजनीतिक रूप से इस संवेदनशील मुद्दे पर लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित सभी हितधारकों के विचार आमंत्रित करते हुए 14 जून को समान नागरिक संहिता पर एक नयी विमर्श-प्रक्रिया शुरू की थी.
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क्या है यूसीसी
गौरतलब है कि यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता का मतलब देश में एक कानून है. अगर यूसीसी लागू हो जाता है तो सभी धर्म और वर्ग के लोगों के लिए एक समान कानून होगा यानी की शादी, तलाक, गोद लेने के नियम, उत्तराधिकार और संपत्तियों से जुड़े मामलों में भी लोगों के लिए समान ही कानून होगा.
भाषा इनपुट से साभार