Home Badi Khabar Budget 2021-22: बजट में रोजगार बढ़ाने वाले इन 3 अहम सेक्टरों में खर्च बढ़ाने पर हो सकता है फोकस, जानिए क्या हैं इससे उम्मीदें

Budget 2021-22: बजट में रोजगार बढ़ाने वाले इन 3 अहम सेक्टरों में खर्च बढ़ाने पर हो सकता है फोकस, जानिए क्या हैं इससे उम्मीदें

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Budget 2021-22: बजट में रोजगार बढ़ाने वाले इन 3 अहम सेक्टरों में खर्च बढ़ाने पर हो सकता है फोकस, जानिए क्या हैं इससे उम्मीदें
**EDS: VIDEO GRAB** New Delhi: Union Finance Minister Nirmala Sitharaman at Lok Sabha during the Budget Session of the Parliament, in New Delhi, Friday, Jan. 29, 2021. (LSTV/PTI Photo)(PTI01_29_2021_000116A)

Budget 2021-22 : एक फरवरी को पेश होने वाले बजट की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. सोमवार को ससंद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) 2021-22 का बजट पेश करेंगी. कोरोना महामारी के दौर में जब देश के अर्थव्यवस्था की बहुत खराब हालत में है ऐसे समय कल पेश होने वाले बजट से पूरे देश को बड़ी उम्मीदें हैं. कोविड-19 के दौर में अब देश की अर्थव्यस्था को संभालना और विकास को गति देने के लिए सरकार भी हर तरह से कोशिश कर रही है.

पिछले साल मार्च में कोरोना महामारी को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया था. देश में लगे लॉकडाउन के कारण देश की सारी आर्थिक गतिविधियां रूक गयी थी. देश की सारी आर्थिक गतिविधियां रूकने से अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा था और देश की विकास दर नकारात्मक में पहुंच गया था. भारत की जीडीपी में पहली तिमाही में 23.9 फीसदी का संकुचन देखने को मिला जो उभरती और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सबसे खराब था.

वहीं कल पेश होने वाले बजट में विशेष रूप से प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे कि बुनियादी ढांचे, ग्रामीण और स्वास्थ्य सेवा में बढ़ते खर्च पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है. आगामी बजट में सरकार का फोकस Infrastructure, Rural,और Healthcare जैसे सेक्टरों में खर्च बढ़ाने पर हो सकता है. इस क्षेत्रों में खर्च बढ़ाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इससे सेमी स्किल्ड वर्करोंल को बहुत फायदा मिलेगा.

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इन क्षेत्रों में खर्च बढ़ने से मध्यम और कुटीर उद्योगों (MSMEs) द्वारा बनाए गई वस्तुओं और उनके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के लिए मांग बढ़ेगी और इन क्षेत्रों में मांग बढ़ने से खपत में बढोतरी होगी जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा. इसके अलावा, भारत को ‘आत्ममनिर्भर’ के मिशन को हासिल करने के लिए संरचनात्मक चुनौतियों पर कई कदम उठाने की घोषणा की जा सकती है.

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