सुरक्षा परिषद में भारत के रुख से नाराज है अमेरिका
अमेरिका के राजनयिक डोनाल्ड लू ने इसकी संभावना जतायी है. बता दें कि अमेरिका से बेहतर संबंध रखने वाले भारत समेत 35 देश सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ लाये गये प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहे. अमेरिकी सांसदों (रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों) ने रूस के खिलाफ वोट नहीं करने पर भारत सरकार की आलोचना की.
भारत ने रूस से खरीदे एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम
‘भारत से अमेरिकी संबंधों’ पर आयोजित एक बैठक में अमेरिकी सांसदों ने भारत के रुख की आलोचना की. इसके बाद से ही इस बात पर चर्चा शुरू हो गयी है कि क्या CAATSA के तहत वाशिंगटन की ओर से भारत पर कुछ प्रतिबंध लगाये जा सकते हैं. दरअसल, भारत ने रूस से एस-400 ट्रायंफ मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदे थे. CAATSA के तहत भारत-रूस के बीच हुई इस रक्षा डील पर जो बाइडेन प्रशासन कार्रवाई कर सकता है.
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चीन पर अंकुश लगाने के लिए भारत से दोस्ती जरूरी
हालांकि, अमेरिकी राजनयिक ने कहा है कि भारत के साथ उसके देश के रक्षा संबंध हैं और ये बहुत महत्वपूर्ण हैं. खासकर चीन पर अंकुश लगाने के लिए भारत के साथ उसकी दोस्ती बहुत अहमियत रखती है. यही वजह है कि इस संबंध में भारत के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले अमेरिकी प्रशासन उसके नफा-नुकसान पर विचार कर रहा है.
2016 से भारत ने रूस से सबसे ज्यादा आयात किये
अमेरिकी राजनयिक ने कहा है कि भारत वर्ष 2016 से ही रूस से सबसे ज्यादा आयात करने वाला देश है. लू ने सन पैनल को यह भी बताया है कि भारत ने हाल ही में रूसी मिग-29 फाइटर एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर और एंटी टैंक हथियारों के ऑर्डर रद्द कर दिये हैं. लू ने उम्मीद जतायी कि अगर अमेरिका की ओर से कोई प्रतिबंध लगाया जाता है, तो अन्य देश भी रूस को दिये गये ऑर्डर को रद्द कर सकते हैं.
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भारत को सता रही होगी ये चिंता- अमेरिका का दावा
लू ने कहा कि उन्होंने सांसदों को बताया कि प्रतिबंधों के बाद रूस किसी भी देश को हथियार बेचने की स्थिति में नहीं होगा. न ही वह हथियारों के रख-रखाव में किसी तरह की मदद कर पायेगा. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ, तो कोई भी देश रूस से हथियारों की खरीद नहीं करेगा. उसके खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध पहले ही लगाये जा चुके हैं. मुझे लगता है कि भारत को भी यह चिंता जरूर सता रही होगी.
भारत समेत 35 देशों ने सुरक्षा परिषद में नहीं किया वोट
बता दें कि यूक्रेन पर रूस की ओर से किये गये हमले के खिलाफ सुरक्षा परिषद में जो प्रस्ताव लाया गया था, उसमें 141 देशों ने अमेरिकी प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया. 5 देशों ने इसका विरोध किया. भारत समेत 35 देशों ने वोट नहीं किया. बता दें कि 8 दिनों से यूक्रेन पर रूस के हमले जारी हैं. हालांकि, यूक्रेन के दावा है कि उसने रूस के 30 फाइटर एयरक्राफ्ट, 31 हेलिकॉप्टर को मार गिराया है. रूस के 9,000 सैनिकों और एक मेजर जेनरल को भी मार डाला है.
Posted By: Mithilesh Jha