Watch Video: राजस्थान के बीकानेर में एक हृदयविदारक घटना में जूनियर नेशनल गेम्स की स्वर्ण पदक विजेता महिला भारोत्तोलक (पॉवर लिफ्टर) यष्टिका आचार्य की जिम में अभ्यास के दौरान मौत हो गई. घटना के समय वह भार उठाने की प्रैक्टिस कर रही थीं, तभी अचानक भारी वजन से लदी रॉड उनकी गर्दन पर गिर गई, जिससे उनकी जान चली गई.
कैसे हुआ हादसा?
पुलिस के अनुसार, 17 वर्षीय यष्टिका आचार्य जिम में 270 किलोग्राम वजनी रॉड के साथ अभ्यास कर रही थीं. नया शहर थाना प्रभारी (SHO) विक्रम तिवारी ने बताया कि जब यष्टिका ने भारी वजन को अपनी गर्दन के पिछले हिस्से में रखकर संतुलन बनाने की कोशिश की, तो उनका बैलेंस बिगड़ गया और वह अचानक पीछे गिर गईं. वजन अधिक होने के कारण उनकी गर्दन मुड़ गई और वह अचेत हो गईं.
घटना के तुरंत बाद जिम में मौजूद लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. हादसे के वक्त वहां मौजूद उनके ट्रेनर को भी कुछ हल्की चोटें आई हैं.
घटना का वीडियो आया सामने
इस दर्दनाक हादसे का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि यष्टिका जैसे ही भारी वजन के साथ बैलेंस बनाने की कोशिश कर रही थीं, तभी उनका संतुलन बिगड़ा और वे गिर पड़ीं. गिरने के दौरान रॉड उनकी गर्दन पर भारी दबाव बना देती है, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो जाती है.
⚠️ Disturbing Visual ⚠️
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) February 19, 2025
राजस्थान : बीकानेर में पावरलिफ्टर याष्टिका आचार्य (उम्र 17 साल) की जिम में मौत हो गई। 270 किलो वजन उठाते वक्त रॉड गिरने से गर्दन की हड्डी टूट गई। pic.twitter.com/REt23agjwa
कौन थीं यष्टिका आचार्य?
यष्टिका बीकानेर के आचार्य चौक की निवासी थीं. उनके पिता ऐश्वर्य आचार्य पेशे से ठेकेदार हैं. जब यह हादसा हुआ, तब उनके माता-पिता हनुमानगढ़ में एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे. यष्टिका ने हाल ही में गोवा में आयोजित 33वीं राष्ट्रीय बेंच प्रेस चैंपियनशिप की इक्विप्ड कैटेगरी में स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किए थे. वह अपने प्रदर्शन को और बेहतर करने के लिए लगातार कड़ी मेहनत कर रही थीं.
परिवार ने नहीं कराई कोई शिकायत
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के संबंध में अभी तक मृतक के परिवार की ओर से कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है. पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के बाद यष्टिका का शव उनके परिवार को सौंप दिया गया है.
यह हादसा न केवल खेल जगत के लिए, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए एक बड़ी चेतावनी है, जो भारी वजन उठाने वाले खेलों में हिस्सा लेते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के खतरनाक अभ्यास के दौरान प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत होती है.
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