ऊंचाई के साथ तापमान में कमी (Adiabatic Cooling)
जब हवा गर्म होती है, तो यह ऊपर की ओर उठती है. जैसे-जैसे हवा ऊंचाई पर जाती है, वायुदाब कम होता जाता है, जिससे हवा फैलती है और ठंडी होती है. इस प्रक्रिया को एडियाबेटिक कूलिंग (adiabatic cooling) कहा जाता है. सामान्यतः हर 1000 मीटर की ऊंचाई पर तापमान लगभग 6.5 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है.
वायुदाब और तापमान का संबंध
समुद्र तल पर वायुदाब अधिक होता है, जिससे हवा के अणु एक-दूसरे के पास होते हैं और अधिक गर्मी को बढ़ाता है. ऊंचाई पर वायुदाब कम होने से हवा के अणु फैल जाते हैं, जिससे गर्मी अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है और तापमान कम होता है.
सूर्य की ऊंचाई पर प्रभाव
हालांकि पहाड़ सूर्य के करीब होते हैं, लेकिन सूर्य से आने वाली ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर अवशोषित होती है और फिर गर्मी के रूप में वायुमंडल में फैलती है. ऊंचाई पर वायुमंडल पतला होने से गर्मी का अवशोषण कम होता है, जिससे तापमान कम होता है.
बर्फ और बर्फीली सतहें
गर्मियों में पहाड़ों पर बर्फीली सतहें सूर्य की किरणों को परावर्तित करती हैं, जिससे गर्मी अवशोषित नहीं होती और तापमान कम रहता है. यह भी पहाड़ों की ठंडक में योगदान करता है.