सुरक्षा : आर्थिक शब्दावली का हिस्सा
एमजे अकबर प्रवक्ता, भाजपा पिछले वर्षो में शब्दों के मायने बदल गये हैं. सुरक्षा कभी सीमाओं से संबद्ध थी, पर अब हम खाद्य सुरक्षा की बात भी करते हैं. लेकिन राजनीतिक वर्ग इसे ठीक से समझ नहीं पाया है. अर्थव्यवस्था अब आंतरिक सुरक्षा का द्योतक है. लोकतांत्रिक खींचतान के उतार-चढ़ाव कुछ अलिखित नियमों पर निर्भर […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2015 5:49 AM