पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले के विरोध में हमारी सरकार ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में सिंधु जल समझौता स्थगित करने समेत पांच कठोर कदम उठाने का तो सख्त फैसला लिया ही, प्रधानमंत्री ने बिहार में मधुबनी की एक सभा में आतंकवाद के प्रायोजक को जिस सख्त भाषा में खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है, उससे भी सरकार की सख्ती का पता चलता है. कैबिनेट कमेटी की बैठक में जो निर्णय लिया गया, उनमें राजनयिक संबंध को और घटाने के अलावा दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीइएएस) के तहत पाक नागरिकों को दिये जाने वाले वीजा पर तत्काल रोक लगाने का फैसला शामिल था, बाद में सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने का निर्णय लिया गया. बैठक में यह भी संकल्प लिया गया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जायेगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जायेगा. पहलगाम हमले पर केंद्र सरकार ने कल सर्वदलीय बैठक भी बुलायी. सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता बरतने का संदेश तो दिया ही गया है, उधमपुर के पास बसंतगढ़ में आतंकियों के खिलाफ सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में सुरक्षा बल के एक जवान का शहीद होना आतंकियों के खिलाफ चल रहे अभियान के बारे में ही बताता है. जबकि एक दिन पहले ही उरी में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये थे.
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