देश में दुपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों (इवी) की बिक्री बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने नयी योजना की घोषणा की है, जिसके तहत पांच सौ करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. यह योजना एक अप्रैल से प्रारंभ होगी, जो चार माह तक चलेगी. प्रदूषण नियंत्रित करने तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन और उपभोग बढ़ाने पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है. इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण तथा बिक्री बढ़ाने की कोशिश उसी प्रक्रिया का महत्वपूर्ण अंग है. पिछले माह भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण एवं अपनाने की गति बढ़ाने के लिए चल रही फेम योजना के दूसरे चरण में आवंटन को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये करने की घोषणा की थी. यह योजना 2019 से चल रही है. यह राशि दुपहिया, तिपहिया, कारों और बसों पर सब्सिडी के रूप में खर्च की जा रही है. इस योजना की अवधि 31 मार्च तक है. इन प्रोत्साहन अनुदानों का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना तो है ही, साथ ही यह भी कोशिश हो रही है कि ऐसे वाहनों के कल-पुर्जों का निर्माण स्थानीय स्तर पर हो ताकि हर क्षेत्र में विकास को भी गति मिले. दुपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. इनके दामों में भी कटौती हो रही है तथा कंपनियां सस्ते मॉडल भी निकाल रही हैं. तकनीक के बेहतर इस्तेमाल से इलेक्ट्रिक और पेट्रोल से चलने वाले दुपहिया वाहनों के बीच का अंतर निरंतर कम हो रहा है.
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