भारत समेत अनेक देशों में कोरोना वायरस के नये प्रकार- जेएन.1 ने लोगों को संक्रमित करना शुरू कर दिया है. भारत में 11 दिसंबर को संक्रमण के 938 मामले थे. यह संख्या नौ दिनों में दुगुनी होकर 19 दिसंबर को 1,970 हो गयी. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस पर निगाह रखने की सलाह दी है, पर यह भी कहा है कि इससे कोई बहुत खतरा नहीं है. भारत में भी निगरानी रखी जा रही है और नये वायरस एवं उसके विभिन्न प्रकारों की जांच का काम चल रहा है. केंद्र सरकार के प्रयोगशालाओं के फोरम इन्साकॉग ने इसके एक प्रकार- बीए.2.86 के 19 सिक्वेंस का पता लगाया है. ऐसी जांच से संक्रमण की रोकथाम में बहुत मदद मिलती है तथा यह भी पता चलता है कि वायरस अपना रूप बदल रहा है या नहीं. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जो टीके लगाये गये हैं, वे इस वायरस से भी रक्षा कर रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि केरल में जो एक मौत हुई है, उसकी वजह संक्रमण के साथ पहले की गंभीर बीमारी भी है. भारत के अलावा अमेरिका और चीन में भी संक्रमण बढ़ा है, पर वहां भी इसका असर बहुत सीमित है. चूंकि यह वायरस घातक नहीं है और इससे बचाव के लिए पूर्ववर्ती टीकाकरण पर्याप्त है, तो हमें किसी भी तरह से घबराने की आवश्यकता नहीं है. समुचित सावधानी और सतर्कता बरती जानी चाहिए तथा जरूरत पड़ने पर जांच करा लेना चाहिए.
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