सूचना तकनीक के क्षेत्र में भारत कई वर्षों से विश्व के अग्रणी देशों में शामिल है, पर पिछले कुछ सालों में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में बड़ी तेजी आयी है. डिजिटलीकरण के मामले में भारत अब अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है. दिल्ली स्थित संस्था इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस की एक हालिया रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि डिजिटल विकास में भारत की स्थिति विकसित देशों से बेहतर है. भारत में 70 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं. आज हमारे देश में स्मार्टफोन, डिजिटल तकनीक और इंटरनेट का बहुआयामी उपयोग हो रहा है. इस विकास का मुख्य पहलू यह है कि लोगों को सस्ती दरों पर डाटा उपलब्ध हो रहा है तथा यूपीआइ जैसे डिजिटल भुगतान की सुविधा का व्यापक स्तर पर लाभ उठाया जा रहा है. आम जन-जीवन तक तकनीक को पहुंचाने के लिए डिजिटल इंडिया अभियान के तहत बड़े पैमाने पर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जा रहा है. इसमें यूपीआइ, आधार, जीएसटी नंबर, फास्टटैग, आयुष्मान भारत डिजिटल अभियान जैसी पहलें शामिल हैं. नैसकॉम एवं आर्थर डी लाइट की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक जीडीपी में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का योगदान 2.9 से 4.2 प्रतिशत तक हो सकता है, जो 2022 में केवल 0.9 प्रतिशत रहा था.
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