रांची जिला अंतर्गत मांडर प्रखंड के सेवाडीह गांव के रहनेवाले साधुचरण साहू बागवानी के क्षेत्र में लोगों के लिए नजीर बन गये हैं. करीब 10 एकड़ में इमारती लकड़ियों के अलावा आम, अमरूद, केला, पपीता, नींबू एवं आंवला के पेड़ देखते ही बनते हैं.
By Prabhat Khabar News Desk | September 21, 2020 12:25 PM
तौफिक आलम : रांची जिला अंतर्गत मांडर प्रखंड के सेवाडीह गांव के रहनेवाले साधुचरण साहू बागवानी के क्षेत्र में लोगों के लिए नजीर बन गये हैं. करीब 10 एकड़ में इमारती लकड़ियों के अलावा आम, अमरूद, केला, पपीता, नींबू एवं आंवला के पेड़ देखते ही बनते हैं. 68 वर्षीय साधुचरण साहू बताते हैं कि उन्होंने अपनी जमीन में बागवानी की शुरुआत वर्ष 1980 में शौकिया तौर पर की थी, लेकिन बाद में यह उनके लिए जुनून बन गया.
अब करीब 40 साल की इस लंबी अवधि में दो जगहों पर अपनी जमीन पर उन्होंने इमारती लकड़ी एवं फल- फूल के सैकड़ों पौधे लगाये हैं.प्रगतिशील किसान साधुचरण ने बताया कि उनके इस जुनून का अब उन्हें आर्थिक लाभ भी मिल रहा है. पिछले साल सिर्फ अमरूद से ही उन्हें करीब सवा लाख रुपये की कमाई हुई थी. उनका कहना है कि बड़े पैमाने पर फलों का उत्पादन होने पर उसे बेचने में परेशानी नहीं होती है.
व्यापारी आकर घर से ही उसे बाजार ले जाते हैं. साधुचरण के अनुसार इस साल उन्होंने अपनी जमीन पर बड़े पैमाने पर आम एवं पपीता के पौधे लगाये हैं और मछली पालन के क्षेत्र में भी हाथ आजमाने का निर्णय लेकर अपने आवासीय परिसर में बने छोटे तालाब में विभिन्न प्रजातियों के 50 हजार मछली का जीरा डाला है.