किस बूते उछल रहा पाकिस्तान-ना पैसा है ना सैन्य ताकत, भारत ने की कार्रवाई तो बचेगा नहीं जिन्ना का देश

India-Pakistan war : न्यूटन का तीसरा नियम कहता कहता है- प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है, इसलिए पहलगाम आतंकी हमले के बाद जिस बात की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है, वो है भारत की प्रतिक्रिया की. पूरा विश्व यह जानना चाहता है कि 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी? आतंकियों ने अबतक जो कार्रवाई की थी, उसमें सेना के लोगों को निशाना बनाया जाता था, स्थानीय लोगों को निशाना बनाया जाता था, कभी भी सैलानियों को निशाना नहीं बनाया गया क्योंकि वे जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हैं. इसका अर्थ यह है कि आतंकी भी भारत सरकार को बड़ा मैसेज देना चाहते थे, अब मैसेज बड़ा है, तो उसकी प्रतिक्रिया भी बड़ी होगी.

By Rajneesh Anand | April 27, 2025 3:32 PM
an image

Table of Contents

India-Pakistan war : क्या भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ जाएगा? यह सवाल पहलगाम हमले के बाद से लगभग हर भारतीय के दिलो-दिमाग पर छाया हुआ है. रविवार को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहा भी है कि आतंकवादी हमले के दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी. पिछले दिनों बिहार दौरे के दौरान भी पीएम मोदी ने यह कहा था कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. कूटनीतिक पहल करते हुए भारत ने पहले तो सिंधु जल संधि को स्थगित किया और फिर पाकिस्तानियों को वीजा देने बंद किया, लेकिन इतने से 26 भारतीयों के खून का हिसाब पूरा होने वाला नहीं है.

क्या भारत पाकिस्तान पर हमला करेगा?

पहलगाम हमले के बाद पूरा विश्व इस सवाल का जवाब तलाश रहा है और सबकी नजरें भारत की गतिविधि पर टिकी है. अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो यह पहला अवसर होगा, जब भारत किसी देश पर हमला करेगा. भारत ने आजतक किसी भी देश पर हमला नहीं किया है और यह इस बात का प्रमाण किस कदर शांति का संदेश देता है. प्राचीन काल से ही इस बात के प्रमाण नहीं मिलते हैं कि भारत ने कभी भी दूसरे देश पर हमला किया हो. लेकिन अब मसला भारत की संप्रुभता और देश के निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा का है, यही वजह है कि पूरा विश्व आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा दिख रहा है. यहां तक कि चीन ने भी पाकिस्तान के समर्थन में कोई बयानबाजी नहीं की है. लेकिन भारत, पाकिस्तान के खिलाफ किस तरह की सैन्य कार्रवाई करेगा, इसके बारे में अभी बता पाना संभव नहीं है, क्योंकि किसी भी देश की सरकार के लिए यह गुप्त मसला होता है.

साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ धनंजय त्रिपाठी बताते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच कई युद्ध हुए हैं और हर युद्ध में पाकिस्तान को हार मिली है. सिंधु जल संधि को स्थगित कर सिंधु नदी के पानी को रोकने की कार्रवाई को पाकिस्तान ने एक्ट ऑफ वार बताया है. दोनों देशों के बीच जिस तरह का तनाव है उसे देखते हुए किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन अभी जिस तरह के हालात हैं, उसे युद्ध जैसे हालात तो नहीं कहा जा सकता है. हालांकि सरकार पर इमोशनल प्रेशर बहुत ज्यादा है, बावजूद इसे युद्ध जैसे हालात नहीं कहा जा सकता है. युद्ध किसी भी देश के लिए अच्छा नहीं होता है क्योंकि जब युद्ध होता है तो सरकार का ध्यान पूरी तरह उसी पर चला जाता है, जिसकी वजह से विकास कार्य रूक जाते हैं. सरकार विकास कार्यों से पैसा हटाकर सेना पर लगाती है, इससे अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है और देश का विकास पीछे चला जाता है, इसलिए युद्ध ना हो तो बेहतर है. हालांकि यह सरकार का फैसला है कि उसे इतने दबाव के बीच क्या निर्णय करना है. जहां तक बात पाकिस्तान की है, तो वह कर्जे में डूबा हुआ देश है. अगर युद्ध हुआ, तो उसकी अर्थव्यवस्था और खराब होगी और जिसका असर उसकी जीडीपी पर भी साफ दिखेगा, यह बात पाकिस्तान को समझनी चाहिए.

भारत के रुख से पाकिस्तान में है हड़कंप

पहलगाम हमले के बाद भारत ने जिस तरह सिंधु जल संधि को स्थगित कर सख्त कूटनीतिक कदम उठाए हैं, उससे पूरे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. सोशल मीडिया पर आम पाकिस्तानियों की बेचैनी नजर भी आ रही है. पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने जहां कहा कि पाकिस्तान का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं वहीं पूर्व विदेश मंत्री बिलावुल भुट्टो ने आग उगलते हुए कहा कि सिंधु में या तो हमारा पानी बहेगा या भारत का खून. हम उन्हें करारा जवाब देंगे, वे इस तरह संधि को नहीं तोड़ सकते हैं सिंधु हमारा था और हमारा ही रहेगा. हालांकि भारत के सख्त रवैये के बाद पाकिस्तान के रुख में नरमी देखी गई है और वहां के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा है कि वे निष्पक्ष जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं.

अपनी हैसियत भूलकर भारत से टक्कर लेना चाहता है पाकिस्तान


भारत और पाकिस्तान के बीच अबतक कई युद्ध हो चुके हैं और हर युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है. चाहे हम बात करें 1947 के युद्ध की, 1965, 1971 या फिर 1999 की हर युद्ध में पाकिस्तान को शिकस्त मिली है. बावजूद इसके पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. प्रत्यक्ष युद्ध में भारत के सामने घुटने टेकने के बाद पाकिस्तान ने आतंकवाद का सहारा लिया है और भारत को जख्म दे रहा है. 2016 में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक किया और पीओके में उसके द्वारा स्थापित आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट कर दिया था. बावजूद इसके पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने नहीं आई है और उसने एक बार फिर पहलगाम में निर्दोष लोगों को निशाना बनवाया है. जिन आतंकियों ने पहलगाम में आतंकी हमले को अंजाम दिया, उनमें से दो पाकिस्तानी नागरिक हैं.

क्या है भारत और पाकिस्तान की सैन्य ताकत

किसके पास कितनी ताकतभारत पाकिस्तान
थल सैनिक14.5 लाख5.6 लाख
रिजर्व सैनिक11.5 लाख5.5 लाख
युद्धक टैंक4,6143,742
बख्तरबंद वाहन1,51,24850,000+
कुल विमान2,2291,434
कुल जहाज294114
पनडुब्बियां19 (2 परमाणु, 17 डीजल)8
परमाणु हथियार180170


भारत और पाकिस्तान की सैन्य ताकत की अगर हम तुलना करें, तो पाकिस्तान भारत के आगे कहीं भी नहीं टिकता है. 2025-26 के बजट में भारत ने अपना रक्षा बजट बढ़कर अनुमानित 79 बिलियन डॉलर कर दिया है, जबकि पाकिस्तान का बजट मात्र 8 बिलियन डॉलर के आसपास का है. यानी कि भारत अपनी सेना पर पाकिस्तान के मुकाबले लगभग दस गुना अधिक खर्च करता है.भारत के पास राफेल लड़ाकू जेट, रूसी निर्मित एस-400 वायु रक्षा प्रणाली भी है.भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत के विस्तार में लगा है. भारत ने MIRV तकनीक से लैस अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, यह तकनीक एक ही मिसाइल को कई लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम बनाती है. भारत के पास परमाणु हथियार भी पाकिस्तान से ज्यादा हैं, जिसकी धमकी वहां के मंत्री दे रहे हैं. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (FAS) द्वारा जारी लेटेस्ट रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के पास 180 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170 हैं. पाकिस्तान की हालत खराब है क्योंकि वह एक बड़ी स्थायी सेना और एक विश्वसनीय परमाणु निवारक को बनाए रखने के भारी बोझ के कारण अपना आधुनिकीकरण नहीं कर पा रहा और उसके पास संसाधनों की भी कमी हो रही है.

: 26 पर्यटकों का खून माफ नहीं करेगा हिंदुस्तान, आतंकियों और उसके आका पाकिस्तान को सबक सिखाने की तैयारी

कश्मीर में पहले हिंदू बहुसंख्यक थे बाद में हो गए अल्पसंख्यक, जानिए कैसे?

पाकिस्तान के पागलपन का नतीजा है पहलगाम की घटना, कश्मीर पर बंटवारे के बाद से ही है नजर

Pahalgam Attack : टोपी और दाढ़ी का नाम इस्लाम नहीं, पाकिस्तान के इरादों का जवाब दे सरकार

हिंदू और मुसलमान के बीच भारत में नफरत की मूल वजह क्या है?

विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version