चिली के नोबेल पुरस्कार विजेता कवि पाब्लो नेरूदा की मौत का रहस्य एक बार फिर गहराने लगा है. फोरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार नेरूदा की मृत्यु कैंसर से नहीं हुई थी. इस राय के सामने आने के बाद से चर्चा शुरू हो गयी है कि क्या नेरुदा की हत्या हुई थी? 1973 में चिली के सैनिक जनरल ऑगस्टो पिनोचे ने अलेंदे सरकार का तख्ता पलट दिया था. इसी दौरान राष्ट्रपति अलेंदे की मौत हो गयी और उसके 12 दिन बाद ही नेरूदा की भी मौत हो गयी थी. सेना ने उनके घर के हर सामान को तोड़ दिया था और उनकी अंतिम यात्रा के वक्त कर्फ्यू लगा दिया गया था, बावजूद इसके उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए. नेरुदा साम्यवाद के समर्थक थे, उनकी अंतिम यात्रा के दौरान लोगों ने नेरुदा का यह गीत गाया था- "एकजुट लोगों को कोई ताक़त नहीं हरा सकती.
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