कथाकार रणेन्द्र का उपन्यास ‘ग्लोबल गाँव के देवता’ वस्तुतः आदिवासियों-वनवासियों के जीवन का व्यथित सारांश है. इस उपन्यास में रणेन्द्र ने असुर समुदाय की गाथा पूरी प्रामाणिकता व संवेदनशीलता के साथ लिखी है. ‘ग्लोबल गाँव के देवता’ में असुर समुदाय के अनवरत संघर्ष का चित्रण है. इस उपन्यास के अहम वास्तविक किरदार रूमझुम असुर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है. उनके निधन पर उपन्यास के लेखक रणेंद्र ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा है. रणेंद्र जी लिखते हैं- कल विकास जी ,आई आई टी कानपुर के शोधकर्ता से सूचना मिली कि झुनझुन असुर ( ग्लोबल गाँव के देवता के रुमझुम असुर ) लंबी बीमारी के बाद नहीं रहे.
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