छठ पूजा के अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा ने एक पोस्ट लिखा था, जिसपर विवाद हुआ और मैत्रेयी पुष्पा सोशल मीडिया में ट्रोल भी हुईं. मैत्रेयी पुष्पा ने स्त्री अधिकारों पर जमकर लिखा है. प्रस्तुत है उनकी एक कहानी मुस्कराते औरतें का अंश:-... मुस्कराती औरतें ‘बेपरवाह यौवन’ ऐसे शीर्षक के साथ हमारी तसवीर अखबार […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2017 12:56 PM
छठ पूजा के अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा ने एक पोस्ट लिखा था, जिसपर विवाद हुआ और मैत्रेयी पुष्पा सोशल मीडिया में ट्रोल भी हुईं. मैत्रेयी पुष्पा ने स्त्री अधिकारों पर जमकर लिखा है. प्रस्तुत है उनकी एक कहानी मुस्कराते औरतें का अंश:-
आर्थिक आत्मनिर्भरता जन्मसिद्ध अधिकार की तरह हासिल की. ब्याह का क्या, ब्याह भी कर लिया अपनी सुविधा को देखते हुए एक ग्रामसेवक से. मेरी मां ने उनका यह निर्णय भी जी भरकर सराहा. पुरुष हमीं को अब कमजोर मानकर प्रताड़ित नहीं करेगा. ऊंचे स्तर पर न सही, बराबरी से सम्मान देगा. ऐसे फैसलों को देखकर ही तो मां मुझसे और भी खफा हो जाती हैं क्योंकि मैंने अपने लिए उनके बताए वरों को नजरअंदाज किया क्योंकि वे मुझे अयोग्य लगे.,,