-प्रकाश हिंदुस्तानी-
योगेंद्रकुमार लल्ला, सुरेन्द्रप्रताप सिंह, उदयन शर्मा, कन्हैयालाल नंदन, रवीन्द्र कालिया, मनमोहनसरल, गणेश मंत्री, विश्वनाथ सचदेव, सतीश वर्मा… आदि दर्जनों नाम है, जो बेहद कामयाब संपादक साबित हुए, लेकिन इन सभी को प्रताड़ित करने का कोई मौका शायद ही भारतीजी ने छोडा हो. रवींद्र कालिया ने तो धर्मयुग छोड़ने के बाद ‘काला रजिस्टर’ नामक उपन्यास भी लिखा था, जिसमें ‘हाजिरी रजिस्टर’ पर लेट आने वालों के दस्तखत को लेकर प्रताड़ित किए जाते थे. डॉ. धर्मवीर भारती की पहली पत्नी कांता भारती ने तलाक के बाद वैवाहिक जीवन की मुश्किलों पर एक उपन्यास ‘रेत की मछली’ भी लिखा है. माना जाता है कि यह उनकी पीडाओं और अनुभूतियों की प्रस्तुति है.
साहित्य अमृत ने घोषित किए युवा हिंदी कहानी प्रतियोगिता के पुरस्कार
मेरी ढाका डायरी: बांग्लादेशी इस्लाम और उसके अति विख्यात ढाका की जीवनकथा
कौन हैं डॉ पार्वती तिर्की? हिन्दी कविता संग्रह ‘फिर उगना’ के लिए मिलेगा साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार
Music Healing: विज्ञान, परंपरा और वैश्विक अनुभवों का सार