जन्मदिन पर विशेष : मात्र 48 साल की उम्र में इतिहास रच गये जयशंकर प्रसाद

" पश्चिम की रागमयी संध्या... अब काली है हो चली, किंतु, अब तक आये न अहेरी वे क्या दूर ले गया चपल जंतु’’ ऐसे अद्‌भुत पंक्तियों के रचयिता जयशंकर प्रसाद की आज जयंती है. हिंदी साहित्य में वे छायावादी युग के चार प्रमुख आधार स्तंभों में से एक हैं. उन्होंने खड़ी बोली के काव्य में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2018 10:55 AM
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" पश्चिम की रागमयी संध्या

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