पुस्तक समीक्षा : ‘प्रेमांजली’ में प्रेम, तो ‘अंतर्नाद’ में भूख की तड़प

युवा कवि व पत्रकार पंकज भूषण पाठक"प्रियम" के दो कविता संग्रह ‘प्रेमांजली’ और ‘अंतर्नाद का लोकार्पण हाल ही में हुआ है. ‘प्रेमांजली’ में श्रृंगार रस की कविताएं हैं, जहां प्रेम का हर रूप विद्यमान है, मिलन की खुशी है तो विरह की तड़प है. इसमें कुल 75 रचनाएं हैं जिसमें से 25 दिल को छूती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2018 5:08 PM
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युवा कवि व पत्रकार पंकज भूषण पाठक"प्रियम" के दो कविता संग्रह ‘प्रेमांजली’ और ‘अंतर्नाद का लोकार्पण हाल ही में हुआ है. ‘प्रेमांजली’ में श्रृंगार रस की कविताएं हैं, जहां प्रेम का हर रूप विद्यमान है, मिलन की खुशी है तो विरह की तड़प है. इसमें कुल 75 रचनाएं हैं जिसमें से 25 दिल को छूती गजलें हैं. 95 पृष्ठों की इस किताब की कीमत 199 रुपये है.

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