प्रकृति को समर्पित ध्रुव गुप्त की सात कविताएं

एक / एक छोटी-सी प्रेमकथा पिछली रात मैं बहुत थका था कमरे में गर्मी बहुत थी और बिजली गायब मैंने खिड़की खोल दी और जमीन पर चादर बिछाकर गहरी नींद सो गया आधी रात जब नींद खुली तो आश्चर्य से देखा मैंने खिड़की के रास्ते चलकर चांदनी मेरे बिल्कुल बगल में आकर चुपचाप लेट गई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2018 12:09 PM
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