-ध्रुव गुप्त-
लगभद पांच दशक तक गायिकी में सक्रिय रहने के बाद गले में कैंसर की वज़ह से मेहदी हसन ने 1999 से गाना छोड़ दिया था. उसके सालों बाद चाहने वालों की बेहिसाब ज़िद के बाद ‘सरहदें’ नाम से उनका अंतिम अलबम 2010 में आया. लंबे अरसे के बाद आए उनके इस रिकॉर्ड ने लोकप्रियता का शिखर छुआ था. उनकी एक दिली ख्वाहिश लता मंगेशकर के साथ ग़ज़लों का एक अलबम तैयार करने की थी. रिकॉर्डिंग की तमाम तैयारिया मुकम्मल थी, लेकिन गंभीर बीमारी की वज़ह से उनका यह सपना अधूरा रह गया. उनके आखिरी अलबम ‘सरहदें’ में फरहत शहजाद की एक ग़ज़ल ‘तेरा मिलना बहुत अच्छा लगे है’ की रिकार्डिंग उन्होंने 2009 में पाकिस्तान में की और उस ट्रेक को सुनकर 2010 में लता जी ने अपने हिस्से की रिकार्डिंग मुंबई में की. इस तरह दोनों का एक युगल गीत तैयार हुआ.