‘स्वतंत्रता सेनानी रामचंद्र नंदवाना स्मृति सम्मान’ की घोषणा, प्रताप गोपेंद्र होंगे सम्मानित

Literature News : वाराणसी निवासी वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार प्रो काशीनाथ सिंह, जयपुर निवासी वरिष्ठ लेखक डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल और धौलपुर निवासी इतिहासकार प्रो रचना मेहता की चयन समिति ने सर्व सम्मति से इस कृति को सम्मान के योग्य पाया, काशीनाथ सिंह ने वक्तव्य में कहा कि प्रताप गोपेन्द्र उन युवा लेखकों में हैं जो इतिहास और साहित्य में आवाजाही कर अपनी कृतियों को जनोपयोगी बना देते हैं

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2024 10:31 PM
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Literature News : साहित्य संस्कृति के संस्थान संभावना द्वारा ‘स्वतंत्रता सेनानी रामचंद्र नंदवाना स्मृति सम्मान’ की घोषणा कर दी गई है. संभावना के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास ने बताया कि वर्ष 2024 के लिए ‘स्वतंत्रता सेनानी रामचंद्र नंदवाना स्मृति सम्मान’ प्रयागराज निवासी प्रसिद्ध लेखक प्रताप गोपेन्द्र को उनकी चर्चित कृति ‘चंद्रशेखर आजाद : मिथक बनाम यथार्थ’ के लिए दिया जाएगा. व्यास ने बताया कि गोपेन्द्र ने इस पुस्तक में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के जीवन के ज्ञान -अज्ञात अनेक पक्षों के आलोक में अध्ययन किया है जिससे महान स्वतन्त्रता सेनानी और क्रान्तिकारी आजाद को नयी पीढ़ी और गहराई से जान समझ सकेगी.

किताब में नये तथ्यों को जुटाने का महत्वपूर्ण प्रयास

वाराणसी निवासी वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार प्रो काशीनाथ सिंह, जयपुर निवासी वरिष्ठ लेखक डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल और धौलपुर निवासी इतिहासकार प्रो रचना मेहता की चयन समिति ने सर्व सम्मति से इस कृति को सम्मान के योग्य पाया, काशीनाथ सिंह ने वक्तव्य में कहा कि प्रताप गोपेन्द्र उन युवा लेखकों में हैं जो इतिहास और साहित्य में आवाजाही कर अपनी कृतियों को जनोपयोगी बना देते हैं, उन्होंने अपनी किताब में नये तथ्यों को जुटाने का महत्त्वपूर्ण उद्यम किया है जिससे आज़ाद जैसे क्रन्तिकारी के जीवन पर नयी रौशनी पड़ती है, डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने अपनी अनुशंसा में कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं को गहराई से जानना हमेशा आवश्यक रहेगा क्योंकि ऐसे योद्धाओं के महान समर्पण और त्याग से हमें आजादी मिली है, ऐसे राष्ट्रीय नायक की नयी जीवनी लिखने के लिए गोपेंद्र की प्रशंसा की जानी चाहिए, इतिहासविद प्रो रचना मेहता ने कहा कि हिंदी भाषा माध्यम में लिखी जाने वाली इतिहास की पुस्तकों में शोध की कमी की शिकायत करने वालों को प्रताप गोपेन्द्र की यह कृति महत्त्वपूर्ण और मूल्यवान लगेगी, यह कृति गहरे शोध और उत्तम भाषा का अनूठा संगम है.

दिसंबर में मिलेगा सम्मान

व्यास ने बताया कि ‘स्वतंत्रता सेनानी रामचंद्र नंदवाना स्मृति सम्मान’ में कृति के लेखक को ग्यारह हजार रुपये, शाल और प्रशस्ति पत्र भेंट किया जाता है, उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ में दिसंबर माह में आयोज्य समारोह में विगत वर्षों के सम्मानित लेखकों के साथ गोपेन्द्र को आमंत्रित किया जाएगा.संभावना द्वारा स्थापित इस पुरस्कार के संयोजक डॉ कनक जैन ने बताया कि राष्ट्रीय महत्त्व के इस सम्मान के लिए इस वर्ष स्वतन्त्रता आन्दोलन से सम्बंधित कृतियों की अनुशंसा माँगी गई थी जिसमें देश भर से कुल बाइस कृतियां प्राप्त हुई थीं, प्राप्त कृतियों के मूल्यांकन के आधार पर चयन समिति ने अपनी अनुशंसा में ‘चंद्रशेखर आजाद : मिथक बनाम यथार्थ’ को श्रेष्ठतम कृति घोषित किया, डॉ जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में 1982 में जन्मे गोपेन्द्र ने भारतीय पुलिस सेवा में रहते हुए अनेक पुस्तकें लिखी हैं जिनमें ‘इतिहास के आईने में आजमगढ़’ तथा ‘1857 के अमर नायक राजा जयलाल सिंह’ प्रमुख हैं.

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