Mangal Ketu Yuti: आने वाले 28 जुलाई 2025 को मंगल और केतु का संयोग तुला राशि में होने जा रहा है, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. तुला राशि संतुलन, रिश्तों और न्याय का प्रतीक होती है. मंगल जहां जोश, पराक्रम और संघर्ष का कारक है, वहीं केतु वैराग्य, रहस्य और आत्मबोध का प्रतिनिधित्व करता है. ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा ने बताया कि इन दोनों ग्रहों की युति मन में उथल-पुथल, बेचैनी और आंतरिक संघर्ष पैदा कर सकती है.
मंगल-केतु युति में बढ़ सकती है चिड़चिड़ाहट और भ्रम
इस दिन व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, भावनात्मक असंतुलन और निर्णय लेने में भ्रम की स्थिति बन सकती है. विशेष रूप से जिन लोगों की कुंडली में मंगल या केतु कमजोर स्थिति में हैं, उन्हें इस समय विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए. इस युति से अचानक क्रोध, दुर्घटना या मानसिक दबाव की स्थिति भी बन सकती है. वाहन चलाते समय सावधानी बरतें और किसी भी प्रकार के टकराव से बचें.
मौन में छिपा है आत्मिक शक्ति का रहस्य
हालांकि इस दिन का एक उजला पहलू भी है – यह समय आत्मिक विकास और ध्यान के लिए उपयुक्त है. केतु जहां मौन का प्रतीक है, वहीं मंगल उसमें संकल्पशक्ति भरता है. ऐसे में अगर आप इस दिन मौन साधना करते हैं, तो आपको मानसिक शांति, स्पष्टता और आंतरिक ऊर्जा का अनुभव हो सकता है. ध्यान, प्रार्थना और आत्मचिंतन से मानसिक संतुलन बना रहेगा.
वाणी पर संयम और धैर्य से टालें टकराव
28 जुलाई को किसी भी विवाद या तकरार से दूरी बनाए रखना बेहतर रहेगा. वाणी पर नियंत्रण और धैर्य का अभ्यास आपको अनावश्यक तनाव से बचा सकता है. यदि संभव हो, तो लाल रंग के वस्त्र न पहनें और हनुमान चालीसा का पाठ करके मंगल-केतु युति के दुष्प्रभाव को शांत करने का प्रयास करें.
अशांति में भी छिपा है आत्मबोध का अवसर
मंगल-केतु की युति जहां एक ओर मन में अशांति ला सकती है, वहीं दूसरी ओर यह आत्मबोध और आध्यात्मिक प्रगति का अवसर भी प्रदान करती है. इस दिन मौन और संयम का अभ्यास करके आप इस युति को अपने पक्ष में मोड़ सकते हैं.