राखी का प्यार बहना को देने को भाई तैयार, ऑनलाइन गिफ्ट का भी बढ़ रहा चलन
रक्षाबंधन के दिन ब्राहमणों द्वारा अपने यजमानों को राखी बांधकर उनकी मंगलकामना की जाती है. इस दिन वेदपाठी ब्राह्मण यजुर्वेद का पाठ आरंभ करते हैं इसलिए इस दिन शिक्षा का आरंभ करना शुभ माना जाता है. रक्षाबंधन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल श्रावण या सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रकाल का साया नहीं है, लेकिन राखी के दिन पंचक रहेंगे.
पंचक की बात करें तो यह 25 अगस्त से शुरू है और 30 अगस्त तक चलेगा. जानकारों की मानें तो रक्षाबंधन के दिन यानी आज दोपहर 12.35 बजे तक घनिष्ठ नक्षत्र रहेगा. इसके बाद शतभिषा नक्षत्र प्रारंभ होगा. दोनों ही नक्षत्र पंचक कारक हैं. आज 11 घंटे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है, लेकिन कुछ समय को छोड़ना होगा. इसके पीछे के कारण की बात करें तो शाम 4.30 से शाम 6 बजे तक राहु काल रहेगा. राहु काल में राखी नहीं बांधना चाहिए.
बिहारी कलाकृतियों से सजीं हैंडमेड राखियां
राखी बांधने का शुभ समय: सुबह 5 बजकर 59 मिनट से शाम 5 बजकर 25 मिनट तक (26 अगस्त 2018 यानी आज)
अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 4 बजकर 12 मिनट तक (26 अगस्त 2018 यानी आज)
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: दोपहर 03 बजकर 16 मिनट (25 अगस्त 2018 से शुरू)
पूर्णिमा तिथि समाप्त: शाम 05 बजकर 25 मिनट (26 अगस्त 2018 यानी आज)