Sawan Pradosh Vrat 2025: श्रावण मास का अंतिम प्रदोष व्रत आज, इस विधि से करें पूजा

Sawan Pradosh Vrat 2025: सावन मास का अंतिम प्रदोष व्रत आज मनाया जा रहा है. यह व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. प्रदोष काल में विधिवत पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. जानें सही पूजा विधि और महत्वपूर्ण नियम.

By Shaurya Punj | August 6, 2025 9:26 AM
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Sawan Pradosh Vrat 2025: आज सावन मास का अंतिम प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है. इस बार यह व्रत बुधवार के दिन होने के कारण बुध प्रदोष व्रत कहलाता है. श्रावण शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाने वाला यह व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का उत्तम अवसर माना जाता है. सावन के समापन से पहले शिव भक्तों के लिए यह व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण है. आइए जानते हैं इस आखिरी प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.

सावन माह का अंतिम प्रदोष व्रत आज

आज 06 अगस्त को सावन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है, जो दोपहर 02 बजकर 08 मिनट तक रहेगी. इसके बाद त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ होगा. हर माह त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है और इस बार यह व्रत आज के दिन किया जा रहा है.

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बुध प्रदोष व्रत की विधि

इस दिन उपवास रखें और दिनभर फलाहार या जलाहार करें. प्रदोष काल में श्वेत वस्त्र पहनकर भगवान शिव की विधिवत पूजा करें. शिवलिंग को गंगाजल या पंचामृत से स्नान कराएं और बेलपत्र, भांग, धतूरा जैसी हरी वस्तुएं अर्पित करें. भगवान को फल और मिठाई चढ़ाएं. पूजा के दौरान शिव और पार्वती जी के मंत्रों का जाप करें –

  • ॐ उमामहेश्वराभ्याम नमः
  • ॐ गौरीशंकराय नमः

बुध प्रदोष व्रत का महत्व

सावन मास की प्रदोष तिथि शिव भक्ति के लिए बेहद शुभ मानी जाती है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करने से जीवन के दोष दूर होते हैं, बुध ग्रह की पीड़ा कम होती है और धन संबंधी रुकावटें समाप्त होती हैं. इसलिए इस दिन की पूजा का विशेष महत्व है.

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