श्रावण अमावस्या का शिवभक्तों के लिए बड़ा महत्व है. दस दिन शिवजी की पूजा से विशेष फलों की प्राप्त होती है. इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है. श्रावण के महीनें में पूरी पृथ्वी हरी-भरी हो जाती है, इसी वजह से इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्रावण अमावस्या की तिथि पितरों को समर्पित है. इस दिन भूखे को भोजन कराने से पितरों के साथ देवता भी तृप्त हो जाते हैं तथा सभी सुख प्रदान करते हैं. इस दिन शिव का पितृ रूप में विधि-विधान पूर्वक पूजन करने तथा अपनी इच्छा अनुसार भोग लगाने से शिव प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देते हैं. इस दिन तीर्थ में स्नान-दान का भी विशेष महत्व है, जिससे पितृगण प्रसन्न होते हैं.
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