चैत्र नवरात्रि 2025 के चौथे दिन कूष्मांडा देवी की आरती और मंत्र जाप से दूर होंगी बाधाएं

Chaitra Navratri 2024: आज 02 अप्रैल 2025 को चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है. इस दिन देवी भगवती के कूष्मांडा स्वरूप की विशेष पूजा और आराधना की जाती है. नवरात्रि के इस दिन मां कूष्मांडा की पूजा का विशेष महत्व है.

By Shaurya Punj | April 2, 2025 8:40 AM
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Chaitra Navratri 2025 Kushmanda Maa Aarti and Mantra Jaap: आज 02 अप्रैल 2025 को चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन मनाया जा रहा है. इस दिन देवी भगवती के कूष्मांडा स्वरूप की विशेष पूजा और आराधना की जाती है. नवरात्रि के इस दिन मां कूष्मांडा की पूजा का महत्व है. मां कूष्मांडा के आठ भुजाएं हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजा के नाम से भी जाना जाता है. इनके सात हाथों में कमण्डल, धनुष, बाण, कमल का फूल, अमृत से भरा कलश, चक्र और गदा हैं, जबकि आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को प्रदान करने वाली जप माला है.

मां कूष्माण्डा आरती

कूष्माण्डा जय जग सुखदानी. मुझ पर दया करो महारानी॥

पिङ्गला ज्वालामुखी निराली. शाकम्बरी माँ भोली भाली॥

लाखों नाम निराले तेरे. भक्त कई मतवाले तेरे॥

भीमा पर्वत पर है डेरा. स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए पढ़ें ये आरती

सबकी सुनती हो जगदम्बे. सुख पहुँचती हो माँ अम्बे॥

तेरे दर्शन का मैं प्यासा. पूर्ण कर दो मेरी आशा॥

माँ के मन में ममता भारी. क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥

तेरे दर पर किया है डेरा. दूर करो माँ संकट मेरा॥

मेरे कारज पूरे कर दो. मेरे तुम भंडारे भर दो॥

तेरा दास तुझे ही ध्याए. भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

मां कूष्‍मांडा ध्यान मंत्र

वन्दे वांछित कामर्थे, चन्द्रार्घकृत शेखराम्.

सिंहरूढ़ा अष्टभुजा, कूष्‍मांडा यशस्वनीम्॥

भास्वर भानु निभां, अनाहत स्थितां

चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्. कमण्डलु, चाप, बाण, पदमसुधाकलश,

चक्र, गदा, जपवटीधराम्॥ पटाम्बर परिधानां

कमनीयां मृदुहास्या, नानालंकार भूषिताम्.

मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि, रत्नकुण्डल, मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वदनांचारू, चिबुकां कांत

कपोलां तुंग कुचाम्. कोमलांगी स्मेरमुखी श्रीकंटि

निम्ननाभि नितम्बनीम्..

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