Apara Ekadashi 2024 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस वर्ष यह व्रत 2 जून, रविवार और 3 जून, सोमवार को द्वितीय एकादशी के रूप में मनाया जाएगा. अपरा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और मोक्ष की प्राप्ति का उत्तम अवसर है. इस व्रत को विधि-विधानपूर्वक करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
ग्रहों की स्थिति: जून 2024 में, शुक्र ग्रह मिथुन राशि में गोचर कर रहा होगा, जो भौतिक सुख-समृद्धि, धन-दौलत, सौंदर्य, कला, विलासिता और प्रेम का प्रतीक है.
चंद्रमा की स्थिति: कृष्ण पक्ष के दौरान चंद्रमा कर्क राशि में रहेगा, जो मन और भावनाओं का प्रतीक है.
नक्षत्र: अपरा एकादशी रोहिणी नक्षत्र में आरंभ होगी, जो सुख-समृद्धि और आनंद का प्रतीक है.
इन ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति अपरा एकादशी को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बनाती है, खासकर उन लोगों के लिए जो आध्यात्मिक उन्नति, भौतिक समृद्धि और सकारात्मक बदलाव चाहते हैं.
धार्मिक महत्व
पाप नाश: अपरा एकादशी का व्रत समस्त पापों का नाश करने वाला माना जाता है.
मोक्ष प्राप्ति: इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
विष्णु कृपा: भगवान विष्णु की अपार कृपा प्राप्त होती है.
कष्ट निवारण: समस्त कष्टों का निवारण होता है.
मनोकामना पूर्ति: मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
गृहस्थ और वैष्णवों के लिए व्रत का समय
गृहस्थ: गृहस्थों के लिए 2 जून, रविवार को व्रत का पालन करना उचित होगा.
वैष्णव: वैष्णव भक्त 3 जून, सोमवार को व्रत रखेंगे.
विशेष योग
2 जून, रविवार: इस दिन रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो नए कार्यों को आरंभ करने और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है.
3 जून, सोमवार: इस दिन विष्कुंभ योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है.
पूजा विधान
एकादशी तिथि
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
भगवान विष्णु की पूजा विधिवत करें.
व्रत का संकल्प लें.
दिनभर फलाहार ग्रहण करें.
सायं भगवान विष्णु की आरती करें.
रात्रि में जागरण करें.
द्वादशी तिथि
प्रातः स्नान कर सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
भगवान विष्णु की पूजा करें.
पारण का समय होने पर भोजन ग्रहण करें.
Apara Ekadashi 2024 Date: व्रत कथा
अपरा एकादशी की व्रत कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु ने त्रिविक्रम रूप धारण कर बाली नामक असुर राजा से तीन पग भूमि दान में मांगी. बाली ने सहर्ष तीन पग भूमि दान कर दी. भगवान विष्णु ने अपने दो पगों में ही पृथ्वी और पाताल लोक नाप लिया. तीसरे पग को नापने के लिए स्थान न होने पर बाली ने अपना सिर भगवान विष्णु के समक्ष रख दिया.
जन्मकुंडली से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847
अपरा एकादशी व्रत का पूजा विधान क्या है?
इस दिन प्रातः स्नान कर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है, व्रत का संकल्प लिया जाता है, और सायं भगवान की आरती कर रात्रि में जागरण किया जाता है.
अपरा एकादशी 2024 की तिथि क्या है?
अपरा एकादशी 2024 में 2 जून, रविवार और 3 जून, सोमवार को द्वितीय एकादशी के रूप में मनाई जाएगी.
अपरा एकादशी का धार्मिक महत्व क्या है?
इस व्रत का महत्व पापों का नाश, मोक्ष की प्राप्ति, भगवान विष्णु की कृपा, कष्ट निवारण और मनोकामना पूर्ति से जुड़ा हुआ है.
ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति अपरा एकादशी को विशेष क्यों बनाती है?
जून 2024 में शुक्र ग्रह मिथुन राशि में गोचर करेगा और चंद्रमा कर्क राशि में रहेगा. यह भौतिक सुख-समृद्धि, प्रेम और मन की शांति का प्रतीक है, जिससे अपरा एकादशी का महत्व और बढ़ जाता है.
गृहस्थ और वैष्णवों के लिए व्रत का समय क्या है?
गृहस्थ 2 जून, रविवार को व्रत करेंगे, जबकि वैष्णव भक्त 3 जून, सोमवार को व्रत करेंगे.
Rakshabandhan 2025: राखी बंधवाते समय भाई को किस दिशा में बैठाना शुभ, रक्षाबंधन पर अपनाएं ये वास्तु टिप्स
Sawan Pradosh Vrat 2025: श्रावण मास का अंतिम प्रदोष व्रत आज, इस विधि से करें पूजा
Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन पर इस बार 95 सालों बाद बन रहा है दुर्लभ योग, मिलेगा दोगुना फल
Aaj Ka Panchang: आज 6 अगस्त 2025 का ये है पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और अशुभ समय की पूरी जानकारी