Apara Ekadashi 2025 के दिन चार शुभ योगों के साथ पूरे दिन रहेगा अग्नि पंचक

Apara Ekadashi 2025: ज्येष्ठ मास की पहली एकादशी कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है, जिसे अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन अग्नि पंचक रहेगा. अपरा एकादशी के अवसर पर भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा व्रत रखकर करनी चाहिए. श्रीहरि के वामन अवतार को भगवान त्रिविक्रम के नाम से भी जाना जाता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, विधिपूर्वक अपरा एकादशी का व्रत और पूजन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है, प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है और जो ब्रह्म हत्या जैसा पाप होता है, वह भी समाप्त हो जाता है.

By Shaurya Punj | May 21, 2025 11:34 AM
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Apara Ekadashi 2025: अप्रैल माह की कृष्ण पक्ष की पहली एकादशी, जिसे अपरा एकादशी कहा जाता है, इस साल 23 मई 2025 को मनाई जाएगी.इस दिन विशेष रूप से चार अत्यंत शुभ योग बनेंगे और पूरे दिन अग्नि पंचक का प्रभाव रहेगा. इस दिन को लेकर श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा से उपवासी रहते हुए भगवान श्री विष्णु की पूजा करते हैं, विशेष रूप से उनके वामन अवतार की पूजा की जाती है.

क्या है अपरा एकादशी का महत्व?

अप्रा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है, और इसे पूरे मन से पालन करने पर सभी पापों का नाश होता है और भक्त विष्णु लोक की प्राप्ति करते हैं. अपरा एकादशी के व्रत से भगवान विष्णु की पूजा करके सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति इस भौतिक शरीर को छोड़ने के बाद विष्णु लोक में स्थान प्राप्त करता है.

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अपरा एकादशी 2025 का समय

  • 23 मई 2025 को अपरा एकादशी का व्रत होगा.इस दिन एकादशी तिथि सुबह 1:12 बजे शुरू होगी और रात 10:29 बजे तक चलेगी. इस दिन भक्तगण उपवासी रहकर भगवान विष्णु की पूजा करेंगे.
  • चार शुभ योग बनेंगे अपरा एकादशी पर
  • 23 मई को चार बेहद शुभ योग बनेंगे
  • प्रीति योग – सुबह से लेकर शाम 6:37 बजे तक रहेगा.
  • आयुष्मान योग – प्रीति योग के बाद शुरू होगा.
  • सर्वार्थ सिद्धि योग – 4:02 बजे से शुरू होकर 24 मई को सुबह 5:26 बजे तक रहेगा.
  • अमृत सिद्धि योग – 4:02 बजे से शुरू होकर 24 मई को सुबह 5:26 बजे तक रहेगा.
  • इसके अलावा, उत्तर भाद्रपद नक्षत्र सुबह 4:02 बजे तक रहेगा, फिर रेवती नक्षत्र का प्रभाव होगा.

अग्नि पंचक का प्रभाव

अग्नि पंचक का प्रभाव पूरे दिन रहेगा, जो मंगलवार से शुरू होता है और यह अग्नि से जुड़ी संभावित हानियों का संकेत माना जाता है.हालांकि, इसका अपरा एकादशी के व्रत और पूजा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है.

अपरा एकादशी 2025 मुहूर्त

श्रद्धालुओं को व्रत और पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर पूजा अर्चना करनी चाहिए.इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:04 बजे से 4:45 बजे तक रहेगा और सूर्य उदय सुबह 5:26 बजे होगा.

अभिजित मुहूर्त (सबसे शुभ समय): 11:51 AM – 12:45 PM
लाभ-उत्तान मुहूर्त (लाभ और उन्नति के लिए): 7:09 AM – 8:52 AM
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त (सर्वोत्तम समय): 8:52 AM – 10:35 AM

अपरा एकादशी 2025 पारणा (व्रत तोड़ने का समय)

व्रत को 24 मई 2025, शनिवार को सुबह 5:26 AM और 8:11 AM के बीच खोला जाएगा. भक्तों को पारणा करने के लिए दो और आधे घंटे का समय मिलेगा. द्वादशी तिथि (12वीं तिथि) शाम 7:20 PM तक समाप्त हो जाएगी.

अपरा एकादशी की पूजा के बाद जल दान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है. विशेष रूप से जेष्ठ माह में जल दान करना पुण्य की प्राप्ति का कारण बनता है और इसे एक महान धार्मिक कार्य माना जाता है. यह खास अवसर भगवान श्री विष्णु की कृपा प्राप्त करने के साथ-साथ, आस्थावान भक्तों के लिए पुण्य के अवसर का समय है, जो जीवन में सुख-समृद्धि लाता है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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