पापों से मुक्ति और मोक्ष का दिन, जानें कब है अपरा एकादशी 2025 व्रत, जानें महत्व और कैसे करें पूजा

Apara Ekadashi 2025: पापों से मुक्ति और मोक्ष का दिन, जानें कब है अपरा एकादशी 2025 व्रत, क्या है महत्व और कैसे करें पूजा

By Shaurya Punj | May 8, 2025 5:42 PM
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Apara Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है. हर महीने में दो बार आने वाली एकादशी तिथि को भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है. यह तिथि न सिर्फ आध्यात्मिक शुद्धि का दिन होती है, बल्कि मोक्ष प्राप्ति का भी मार्ग मानी जाती है. एकादशी का मतलब होता है ‘ग्यारहवां दिन’, जो हर पक्ष में आता है- शुक्ल पक्ष (चंद्र बढ़ने का समय) और कृष्ण पक्ष (चंद्र घटने का समय).

इनमें से कृष्ण पक्ष की ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली एकादशी को “अपरा एकादशी” कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विष्णुजी की भक्ति करने से व्यक्ति के सबसे बड़े पाप भी मिट जाते हैं और जीवन में पुण्य का उदय होता है.

कब है अपरा एकादशी

2025 में अपरा एकादशी 23 मई को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार यह तिथि 23 मई को रात 1:12 बजे शुरू होकर उसी दिन रात 10:29 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार व्रत 23 मई को ही रखा जाएगा.

इस दिन व्रत रखने का महत्व बहुत गहरा होता है. मान्यता है कि जो लोग इस दिन पूरी श्रद्धा से व्रत रखते हैं, उन्हें गंगा स्नान, स्वर्ण दान, भूमि दान और गोदान जितना पुण्य प्राप्त होता है. अपरा एकादशी व्रत को पापों का नाश करने वाला व्रत भी कहा गया है. इससे न केवल व्यक्ति को सुख, समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है, बल्कि उसके जीवन की कठिनाइयां भी दूर होती हैं.

इस व्रत की एक विशेष बात यह भी है कि इस दिन अपरा एकादशी की कथा सुनना या पढ़ना भी हजार गायों के दान के बराबर पुण्य देता है. जो लोग मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते हैं या जीवन में शांति चाहते हैं, उनके लिए यह व्रत बेहद शुभ माना जाता है.

संक्षेप में कहें तो अपरा एकादशी सिर्फ एक उपवास नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है जो व्यक्ति को भीतर से शुद्ध करती है, जीवन में सकारात्मकता लाती है और ईश्वर से जुड़ने का एक माध्यम बनती है.

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